पीएम मोदी 30 मार्च को आ रहे हैं छत्तीसगढ़, महानदी-इंद्रावती नदी जोड़ो परियोजना को मिल सकती है रफ्तार

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March 24, 2025


इस दौरान वह एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के दौरान कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया जाएगा। प्रदेश में तीन नए पावर प्लांटों की शुरुआत हो सकती है।

By Shashank Shekhar Bajpai

Publish Date: Mon, 17 Mar 2025 12:09:01 PM (IST)

Updated Date: Mon, 17 Mar 2025 12:10:37 PM (IST)

पीएम मोदी 30 मार्च को आ रहे हैं छत्तीसगढ़, महानदी-इंद्रावती नदी जोड़ो परियोजना को मिल सकती है रफ्तार
देश में छह नदी जोड़ो प्रोजेक्ट पर काम चल रही है। नदी जोड़ने के मामले में यह प्रदेश की पहली परियोजना है।

HighLights

  1. पीएमओ के अधिकारियों को नदी जोड़ो परियोजना का मॉडल दिखाएगी राज्य सरकार।
  2. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ में तीन नए पावर प्लांट की कर सकते हैं शुरुआत।
  3. राजधानी के नवा रायपुर में आदिवासी संग्रहालय का शुभारंभ करने की भी है योजना।

राज्य ब्यूरो, रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मार्च को छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रहे हैं। उनके इस दौरे को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। यह दौरा राजनीतिक और विकास कार्यों की दृष्टि से काफी अहम माना जा रहा है। एक तरफ राज्य सरकार इंद्रावती-महानदी नदी जोड़ो परियोजना का मॉडल पीएमओ के अधिकारियों से साझा करेंगे।

वहीं, नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की वीरगाथा पर आधारित आदिवासी संग्रहालय का भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुभारंभ कर सकते हैं। अधिकारियों के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे के दौरान कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया जाएगा।

प्रदेश में तीन नए पावर प्लांटों की शुरुआत हो सकती है। इसके साथ ही वे एक विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे। भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों में इसको लेकर जबरदस्त उत्साह है। पार्टी इसे आगामी चुनावों से पहले जनता के बीच अपनी नीतियों को प्रस्तुत करने के बड़े अवसर के रूप में देख रही है।

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इंद्रावती-महानदी नदी जोड़ो परियोजना से बड़ी उम्मीद

बस्तर एवं छत्तीसगढ़ की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी को महानदी से जोड़ने की इंद्रावती-महानदी नदी जोड़ो बहुउद्देशीय परियोजना प्रस्तावित है। इस परियोजना का उद्देश्य सिंचाई, पेयजल, औद्योगिक विकास, जल विद्युत उत्पादन और बाढ़ नियंत्रण को सुनिश्चित करना है।

नदी जोड़ने के मामले में यह प्रदेश की पहली परियोजना है। इसलिए राज्य सरकार इसकी प्रस्तुतीकरण केंद्रीय स्तर के अधिकारियों के सामने कर सकती है। देश में छह नदी जोड़ो प्रोजेक्ट प्रगतिरत हैं। राज्य सरकार को उम्मीद है कि अगर ये प्रोजेक्ट केंद्र सरकार हाथों-हाथ लेती है, तो इस प्रोजेक्ट की रफ्तार बढ़ जाएगी। इस परियोजना की लागत लगभग 25 हजार करोड़ रुपए है।

परियोजना के मुख्य बिंदु

  • कैचमेंट एरिया: 15,280 वर्ग किमी
  • बैराज की लंबाई 1500 मीटर
  • बैराज की ऊंचाई 50 मीटर
  • भंडारण क्षमता 100 टीएमसी
  • प्रस्तावित नहर लंबाई 1000 किमी
  • प्रस्तावित टनल लंबाई 40 मीटर
  • जल विद्युत उत्पादन 300 एमडब्ल्यू
  • सिंचाई क्षेत्र 2.50 लाख हेक्टेयर

बस्तर संभाग को मिलेगा सीधा लाभ

परियोजना के तहत बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा विकासखंड के अमलीधार गांव के पास इंद्रावती नदी पर एक बैराज का निर्माण प्रस्तावित है। यह गांव जिला मुख्यालय से 115 किमी दूर स्थित है। परियोजना के अनुसार, बस्तर संभाग के 2.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए 60 टीएमसी जल का उपयोग किया जाएगा।



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