धरमजयगढ़ वन मंडल अंतर्गत आने वाले लैलूंगा रेंज के बगुड़ेगा के लाखपहरी में हाथी के हमले से 1 युवक की मौत हो गई है। जिसमे हाथी ने एक आदमी को कुचल कर मार दिया है। हाथियों के आक्रामक व्यवहार को देखते हुए वन विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। लोगों को जंगल नहीं जाने की समझाइश दी जा रही है।
By Manoj Kumar Tiwari
Publish Date: Thu, 14 Nov 2024 11:41:07 AM (IST)
Updated Date: Thu, 14 Nov 2024 11:41:07 AM (IST)

HighLights
- लाखपहरी में हाथी के हमले से 1 युवक की मौत।
- खबर क्षेत्र में जंगल के आग की तरह फैल गई।
- वन विभाग का प्रयास विफल नजर आ रहा है।
नईदुनिया प्रतिनिधि,बिलासपुर। रायगढ़ जिले में हाथी मानव द्वंद लगातार जारी है,कभी हांथी की मौत तो कभी आमजन की मौत की घटनाएं सामने आ रही है।जिसमे एक बार फिर हाथी ने 1 युवक की जान ले ली है।जैसे ही घटना की जानकारी आस-पास के लोगों को पता चली क्षेत्र में जंगल मे आग की तरह फैल गई। हाथियों के लगातार रहवासी इलाके में आने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। वही हाथी और मानव द्वंद को रोकने में कही न कही वन विभाग का प्रयास विफल नजर आ रहा है। इससे लोगो मे भारी रोष है।इधर वन विभाग विभागीय कार्यो को पूरा करने में जुट गई हैं।
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नईदुनिया न्यूज, बलरामपुर। बलरामपुर जिले के मुरका गांव में करंट प्रवाहित तार के संपर्क में आने से हाथी की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद छह हाथियों का दल गांव से लगे जंगल में जमा हुआ है। दिन भर जंगल में रहने वाले हाथी शाम होते ही आबादी क्षेत्र की ओर रूख करते हैं। घटनास्थल के नजदीक एक घर को हाथियों ने तहस-नहस कर दिया है। हाथी लगातार उस स्थल पर पहुंच रहे हैं जहां मृत हाथी के शव को दफनाया गया है।
हाथियों के आक्रामक व्यवहार को देखते हुए वन विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। लोगों को जंगल नहीं जाने की समझाइश दी जा रही है। बलरामपुर वन परिक्षेत्र के मुरका गांव में करंट प्रवाहित तार की चपेट में आने के कारण हाथी की मौत के बाद वन अधिकारी-कर्मचारी लगातार प्रभावित क्षेत्र में हाथियों की निगरानी में लगे हैं। दल में पांच हाथी हैं। हाथी इस क्षेत्र को छोड़कर नहीं जा रहे हैं।
जंगल किनारे के घरों में रहने वाले लोगों को वन कर्मचारी शाम ढलने के पहले ही सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दे रहे हैं। मंगलवार की रात मुरका के तिलैयापारा निवासी विनोद कोडाकू के परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया था। जिस स्थल पर हाथी की मौत हुई थी उसी के नजदीक विनोद कोडाकू का घर है। मंगलवार रात हाथी यहां पहुंचे। विनोद कोडाकू के कच्चे मकान को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया। काफी देर तक हाथी उसी स्थल पर विचरण करते रहे। बाद में हाथी आगे बढ़ गए।
मृत हाथी के शव को जिस स्थल पर दफनाया गया था, उसी स्थल पर पहुंचे हाथी कब्र के आसपास विचरण करते रहे। इस दौरान रेंजर निखिल सक्सेना के साथ वन कर्मचारी भी दूर से ही हाथियों की निगरानी करते रहे।भोर होने पर हाथी फिर से नजदीक के जंगल में प्रवेश कर गए तब जाकर वन विभाग की टीम ने राहत की सांस ली। हाथी की मौत की घटना के बाद से पांचों हाथी यहीं जमे हुए हैं। वे क्षेत्र छोड़कर आगे नहीं बढ़ रहे हैं।