बिलासपुर के कारोबारियों ने तुर्किये के सेब और संगमरमर के बहिष्कार करने का फैसला
पाकिस्तान का साथ देने के बाद छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के कारोबारियों ने भी तुर्किये के सेब और संगमरमर के बहिष्कार का फैसला लिया है। बिलासपुर के फल मंडी और फल विक्रेता संघ ने तुर्किये का विरोध करते हुए वहां के सेब नहीं बेचने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ म
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पहलगाम हमले के बाद भारत के ”ऑपरेशन सिंदूर” के खिलाफ तुर्किये ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया। इससे व्यापारियों को भारी निराशा हुई। यही वजह है कि देश भर में तुर्किये के सेब फल के साथ ही वहां से आने वाले संगमरमर का विरोध शुरू हो गया है। व्यापारियों का कहना है कि तुर्किये का भारत को लेकर हालिया राजनीतिक रुख स्वीकार नहीं किया जाएगा। हमने वर्षों तक इस देश के व्यापार का समर्थन किया। लेकिन इसने हमारी राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया है।

बिलासपुर के कारोबारियों ने भी तुर्किये के सेब और संगमरमर के बहिष्कार का फैसला लिया
तुर्किये को आर्थिक चोंट पहुंचा कर लेंगे बदला बिलासपुर फल-सब्ज़ी व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष अनिल सलूजा का कहना है कि तुर्किये ने पहलगाम के गुनहगार पाकिस्तान का समर्थन किया और उसे भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने के लिए ड्रोन उपलब्ध कराए। वहीं, जब तुर्किये में भूकंप आया था, तब भारत ने संकट के समय उसकी मदद की थी। ऐसे में अब पूरे देश के कारोबारी तुर्किये के सेब और संगमरमर जैसे उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ के फल व्यापारी भी इस देश के सेब का बहिष्कार कर रहे हैं।

अब नया ऑर्डर नहीं, हिमाचल के किसानों को होगा लाभ महासंघ के अध्यक्ष सलूजा ने बताया कि छत्तीसगढ़ की सभी प्रमुख फल मंडियों के अध्यक्षों ने आपस में बातचीत की फिर अपने-अपने शहरों के फल व्यापारिक संघों की बैठक बुलाकर यह निर्णय लिया। तय किया गया है कि अब तुर्किये देश का सेब नहीं मंगवाया जाएगा। कोई भी नया ऑर्डर नहीं दिया जाएगा।
सलूजा ने बताया कि तुर्किये से छत्तीसगढ़ में लगभग 25 करोड़ रुपए का सेब साल भर में आता है। रायपुर, बिलासपुर, भिलाई, दुर्ग, अंबिकापुर समेत छत्तीसगढ़ के सभी फल व्यापारी संघों ने इस निर्णय को समर्थन दिया है। इधर, तुर्किये से सेब नहीं मंगवाने से हिमाचल प्रदेश के किसानों को लाभ होगा, क्योंकि वहां के सेब की मांग बढ़ेगी और इससे उनका व्यापार और मुनाफा बढ़ेगा।