धमतरी में मुनगा पेड़ न काटने पर गांव से बहिष्कृत हुए 14 परिवार
छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक अजीब मामला सामने आया है। यहां मुनगा के पेड़ को लेकर 14 परिवारों को गांव से बहिष्कृत कर दिया गया है। इन परिवारों ने अपने घर की जमीन पर लगे मुनगा के पेड़ को काटने से मना कर दिया था।
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मामला पिछले कुछ वर्षों से चल रहा है। पीड़ित परिवारों ने ग्राम विकास समिति पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कलेक्ट्रेट में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई है।
इस विवाद की जांच के दौरान अब तक तीन कलेक्टर बदल चुके हैं। सभी 14 परिवार न्याय के लिए कलेक्टर कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला
यह मामला भोथीपार गांव का है। यहां बैठक के बाद 14 परिवारों को समाज से अलग-थलग कर दिया गया। गांव वालों को चेतावनी दी गई कि वे इन परिवारों से बातचीत न करें, उनके साथ मजदूरी न करें और न ही ट्रैक्टर-ट्रॉली या खेत के लिए सहयोग करें।
इन परिवारों का आरोप है कि ग्राम विकास समिति के कुछ पदाधिकारी लगातार दबाव बना रहे हैं कि वे अपने घर के सामने लगे मुनगा के पेड़ को काट दें। जब उन्होंने इनकार किया, तो उन्हें सामाजिक रूप से बहिष्कृत कर दिया गया।

15 साल पुराना है पेड़
परिवारों ने बताया कि यह मुनगा का पेड़ करीब 15 साल पहले कॉलेज के छात्रों द्वारा वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत लगाया गया था। आज भी यह पेड़ फल देता है, जिससे सब्जी के रूप में घर के लिए उपयोग होता है और गांव के अन्य लोगों को भी दिया जाता है।
जनक साहू और हेमलाल साहू समेत अन्य पीड़ितों ने बताया कि गांव में 17 मई को एक बैठक हुई थी, जिसमें यह साफ कहा गया कि यदि कोई इन 14 परिवारों से संबंध रखेगा, तो उसे आर्थिक दंड भुगतना होगा।

कलेक्टर से लगाई गुहार
परिवारों ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की। अपर कलेक्टर इंदिरा देवहारी ने बताया कि ग्राम विकास समिति ने पेड़ काटने का प्रस्ताव रखा है और मामले की जांच कराई जा रही है।