
शहर के करीब 26 हजार लोगों को 24 घंटे पानी की सुविधा भले ही अब तक नहीं मिल पाई, लेकिन इसमें बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ गया है। लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए जो पाइपलाइन बिछाई गई है वो कई जगह से फट गई है। कई वार्डों में नई पाइपलाइन कई जगहों से लीक
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इस वजह से निगम वाले सभी तरह के तकनीकी परीक्षण के बाद भी इस योजना को शुरू नहीं कर पा रहे हैं। पाइपलाइन का बड़ा घोटाला सामने आने के बाद निगम में राजनीति भी तेज हो गई है। महापौर ने इसे कांग्रेस कार्यकाल में किया गया बड़ा घोटाला बताया है।
स्मार्ट सिटी योजना के तहत 16 वार्डों के घर-घर में 24 घंटे पानी पहुंचाने के लिए 159 करोड़ रुपए खर्च कर 210 किमी पाइपलाइन बिछाई गई है। पाइप बिछाए अभी एक साल भी नहीं हुआ है और वो कई जगहों से जर्जर हो गई है। राजातालाब, मौदहापारा, रामसागरपारा, देवेंद्रनगर, बूढ़ापारा, सदरबाजार समेत कई वार्ड ऐसे हैं जहां की पाइपलाइन में लगातार लीकेज की शिकायत आ रही है।
इन पाइप को देखकर ऐसा लगता है जैसे ये 10 से 20 साल पुरानी हो। अब इस मामले में व्यापक जांच की मांग की जा रही है। इन वार्डों के पार्षदों ने तो नई पाइपलाइन तक बिछाने की मांग कर दी है। अफसरों का भी कहना है कि पूरी तरह से लीकेज सुधारने के बाद ही घरों में 24 घंटे पानी पहुंच सकता है।
- 159 करोड़ की योजना, अभी भी पूरे घरों में नहीं पहुंचा पानी, कई जगह लीकेज।
- 210 किलोमीटर एरिया में बिछाई गई है नई पाइपलाइन।
- 16 वार्डों के करीब 26 हजार लोगों को मिलनी है राहत।
- 1 साल पहले सुविधा शुरू होने वाली थी, अब तक नहीं हुई।
- जोन का अमला हर दिन वार्डों में लीकेज सुधारने के लिए पहुंच रहा।
एक हफ्ते से शिकायत ही शिकायत दैनिक भास्कर की पड़ताल में पता चला है कि पिछले एक हफ्ते से पाइपलाइन लीकेज की शिकायत हर रोज आ रही है। बूढ़ापारा में सोनार गली में लीकेज की दिक्कत आई। उसे सुधारने के लिए जब खुदाई की गई तो वहां जो पाइपलाइन बिछाई गई थी वो पूरी तरह जर्जर निकली। पाइपलाइन में कई जगह पर छेद थे। पाइप इतनी घटिया क्वालिटी की है कि सालभर में ही खराब होकर लीकेज होने लगी है। इस इलाके में जो पाइपलाइन बिछाई गई है उससे पानी की सप्लाई की ही नहीं जा सकती है। इसी तरह सदरबाजार, आमापारा, पुरानी बस्ती और आसपास के कई जगहों से रोजाना पाइपलाइन लीकेज की शिकायत आ रही है।
पुरानी पाइपलाइन अभी भी चल रही स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किए गए 16 वार्डों में निगम की पुरानी पाइपलाइन से सुबह-शाम पानी की सप्लाई की जा रही है। ये पाइपलाइन कभी चार से पांच दशक पुरानी है। लेकिन किसी भी जगह से लीकेज की शिकायत नहीं आती है। इसी पाइपलाइन से पानी की सप्लाई होने की वजह से वार्डों में पानी की तकलीफ नहीं हो रही है। लेकिन इसकी तुलना में स्मार्ट सिटी की पाइपलाइन कुछ महीने में ही खराब होने लगी है। लगातार शिकायतों के बाद इस योजना के फेल होने का खतरा भी बढ़ गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसी तरह पाइपलाइन लीकेज होती रही तो निगम को पुरानी पाइपलाइन से ही सप्लाई करनी पड़ेगी।
पाइपलाइन को लेकर राजनीति भी…
यह सब पूर्व महापौर का किया-धरा ^ स्मार्ट सिटी की 24 घंटे पानी योजना का पूरा काम कांग्रेस के पिछले कार्यकाल में हुआ है। अभी से पाइपलाइन में लीकेज आना यानी बड़ी गड़बड़ी हुई है। इसकी जांच कराई जाएगी। घटिया क्वालिटी की पाइपलाइन बिछाई गई है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। मीनल चौबे, महापौर रायपुर
अफसर भी उतने ही दोषी हैं ^ 24 घंटे पानी योजना अभी पूरी तरह से शुरू ही नहीं हो पाई और कई वार्डों से लीकेज की शिकायतें आ रही हैं। खराब क्वालिटी की पाइप बिछाई गई है तो जांच होनी चाहिए। जांच में पाइपलाइन घटिया निकलती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। आकाश तिवारी, नेता प्रतिपक्ष