Sakti Rajgharana: खबर छत्तीसगढ़ से है। यहां सक्ती राज परिवार के राजा सुरेंद्र बहादुर के अपने बावर्ची के बेटे धर्मेंद्र सिंह को उत्तराधिकारी बनाया था। इनका राज्याभिषेक पिछले दिनों (साल 2021) में हुआ था। हालांकि राजा सुरेंद्र बहादुर की पत्नी गीता राणा सिंह ने सार्वजनिक रूप से कुंवर धर्मेंद्र को पुत्र मानने से इनकार कर दिया है।
By Arvind Dubey
Publish Date: Thu, 22 May 2025 10:52:51 AM (IST)
Updated Date: Thu, 22 May 2025 10:52:51 AM (IST)

HighLights
- 19 अक्टूबर 2021 को हुआ था कुंवर धर्मेंद्र सिंह का राज्याभिषेक
- बने थे सक्ती रियासत के पांचवें महाराज, गीता राणा ने नहीं दी मान्यता
- कहा- नौकर का बेटा कर रहा राजपरिवार की संपत्ति का दुरुपयोग
नईदुनिया न्यूज, सक्ती (Sakti Rajgharana): सक्ती राजघराने के दत्तक उत्तराधिकारी एवं जिला पंचायत सदस्य राजा धर्मेंद्र सिंह (King Dharmendra Singh of Sakti royal family) को राज परिवार की एक महिला द्वारा दर्ज कराए गए अप्राकृतिक यौनाचार (unnatural sex) के मामले में विशेष न्यायालय फास्ट ट्रैक सक्ती की न्यायाधीश गंगा पटेल ने सात वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 10 हजार रूपये अर्थदंड का जुर्माना भी लगाया है।
लोक अभियोजक मुन्ना पटेल के अनुसार, मामला नौ जनवरी 2022 का है। राजपरिवार की एक महिला ने राजघराने के दत्तक उत्तराधिकारी राजा धर्मेंद्र सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए अप्राकृतिक अनाचार करने का मामला सक्ती थाने में दर्ज कराया था। जिस पर पुलिस ने उसे पकड़कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया था। अब विशेष न्यायालय फास्ट ट्रैक सक्ती की न्यायाधीश गंगा पटेल ने धारा 376, 450 भारतीय दंड संहिता के मामले में दोष सिद्ध पाए जाने पर सजा सुनाई है।
धारा 376 की उपधारा एक के लिए सात साल की सजा और दस हजार रुपये का अर्थदंड और धारा 450 में पांच साल की सजा और पांच हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया है। जुर्माना नहीं पटाने पर धारा 450 में तीन माह अतिरिक्त और धारा 376 में छह महीना अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। दोनों सजाए साथ साथ चलेंगी। अभियोजन की ओर से लोक अभियोजक मुन्ना पटेल ने पैरवी की।
(सक्ती राजघराने के दत्तक उत्तराधिकारी एवं जिला पंचायत सदस्य राजा धर्मेंद्र सिंह)
राज्याभिषेक के बाद शुरू हुई विवादों की घड़ी
- गौरतलब है कि कुंवर धर्मेंद्र सिंह का राज्याभिषेक 19 अक्टूबर 2021 को सक्ती रियासत के पांचवें महाराज के रूप में हुआ था। वे पूर्व राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के दत्तक पुत्र हैं।