जांजगीर के एक सीएमओ ने पहली पत्नी से तलाक लिए बिना दूसरी शादी कर ली है। अधिकारी ने अपनी बेटी के उम्र की दूसरी महिला से विवाह कर लिया है। पहली पत्नी की शिकायत पर सुनवाई करते हुए राज्य महिला आयोग ने जांजगीर कलेक्टर को पत्र लिखकर अधिकारी को निलंबित करने की अनुशंसा की है।
By Roman Tiwari
Edited By: Roman Tiwari
Publish Date: Sat, 31 May 2025 09:31:15 AM (IST)
Updated Date: Sat, 31 May 2025 09:31:15 AM (IST)

HighLights
- मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने बेटी की उम्र की युवती से की दूसरी शादी
- अधिकारी के खिलाफ राज्य महिला आयोग ने निलंबन की अनुशंसा की
- बच्चों ने बताया, 15 साल से अलग रह रहे पिता, नहीं देते भरण-पोषण
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर : जांजगीर जिले के एक मुख्य नगर पालिका अधिकारी (सीएमओ) को पत्नी से तलाक लिए बिना अपनी बेटी की उम्र की युवती से विवाह करना भारी पड़ गया है। अधिकारी की पत्नी ने महिला आयोग में इसकी शिकायत की है। जिसकी सुनवाई करते हुए अधिकारी को निलंबित करने की अनुशंसा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जांजगीर के कलेक्टर से की है। निलंबित करने के लिए अनुशंसा पत्र भेजा जा रहा है।
राज्य महिला आयोग की सुनवाई में पीड़ित महिला ने शिकायत की थी कि उसके पति ने बिना तलाक लिए दूसरा विवाह कर लिया है। महिला का पति वर्तमान में मुख्य नगर पालिका अधिकारी है। पति ने आयोग में स्वीकारा कि उसने बगैर तलाक लिए दूसरी महिला से विवाह कर लिया है। उस महिला से 16 वर्ष और तीन वर्ष के दो बच्चे हैं। पहली पत्नी से भी तीन बच्चे है। तीनों बच्चों की उम्र 41 वर्ष, 40 वर्ष और 38 वर्ष है।
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पहली पत्नी को भरण-पोषण नहीं
- सुनवाई में तीनों बच्चों ने आयोग के सदस्यों को बताया कि उनके पिता 15 वर्षों से अलग रह रहे हैं। मां को कोई भरण-पोषण भी नहीं देते। पिता ने जिस दूसरी महिला से विवाह किया है, वह महिला पिता के बच्चों की उम्र की है।
- आयोग ने अनावेदक के शासकीय सेवा के रिकार्ड के संपूर्ण दस्तावेजों की जांच और प्रकरण के अंतिम निराकरण तक अनावेदक के रिटायरमेंट पश्चात् समस्त प्रक्रिया पर रोक लगाने की अनुशंसा करने जिला कलेक्टर जांजगीर को पत्र भेजा जाएगा।
सहायक शिक्षक ने बिना तलाक लिए चूड़ी प्रथा से किया दूसरा विवाह
जांजगीर जिले में भी एक अन्य प्रकरण में पति ने बिना तलाक लिए दूसरी महिला से चूड़ी प्रथा से विवाह कर लिया है, जिससे उसकी एक सात वर्षीय पुत्री भी है। पति वर्तमान में सहायक शिक्षक (एलबी) के रूप में पदस्थ है। शासकीय सेवा के नियमों को जानते हुए बिना तलाक लिए विवाह किया है। पति ने विवाह की बात भी स्वीकार की है।
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इस प्रकरण में भी शासकीय सेवा से निलंबित करने जिला कलेक्टर जांजगीर को अनुशंसा पत्र भेजा जाएगा। 15 दिवस के भीतर तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए आयोग में रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य लक्ष्मी वर्मा, सरला कोसरिया, ओजस्वी मंडावी ने प्रकरणों की सुनवाई की।