छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद निलंबित आइएस रानू साहू, समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी समेत छह आरोपी शनिवार की सुबह जेल से बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत के साथ यह शर्त रखी है कि उन्हें प्रदेश छोड़ना होगा. आखिर क्या है पूरा मामला और कोर्ट ने क्यों रखी ऐसी शर्त? आइए जानते है सबकुछ…
By Aditya Kumar
Edited By: Aditya Kumar
Publish Date: Sat, 31 May 2025 04:06:42 PM (IST)
Updated Date: Sat, 31 May 2025 04:06:42 PM (IST)

HighLights
- निलंबित आइएस रानू साहू समेत छह आरोपी जेल से बाहर आ गए।
- समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी को भी जमानत मिली।
- इन छह आरोपितों को छत्तीसगढ़ छोड़कर जाना होगा, SC ने रखी शर्त।
नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल (Supreme Court)। 570 करोड़ के कोयला घोटाले के मामले के छह आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। मामले में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद निलंबित आइएस रानू साहू, समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी समेत छह आरोपित शनिवार की सुबह जेल से बाहर आ गए। सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद शुक्रवार को इनकी रिहाई होनी थी लेकिन जमानत के दस्तावेज देरी से आने के चलते जेल से शनिवार की सुबह इनकी रिहाई हुई।
गवाहों को प्रभावित करने की आशंका
जानकारी हो कि सुप्रीम कोर्ट की जमानत शर्तों के अनुसार इन छह आरोपितों को छत्तीसगढ़ छोड़कर जाना होगा। ऐसा फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट को आरोपितों की ओर से गवाहों को प्रभावित करने की आशंका थी। इसी चलते इन लोगों के छत्तीसगढ़ में रहने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
डीएमएफ घोटाले के आरोपित अब भी जेल में
बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिजवी ने जानकारी देते हुए बताया कि रानू साहू, समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया, रजनीकांत तिवारी, वीरेंद्र जायसवाल और संदीप नायक की रिहाई शनिवार को हो गई है। वहीं, डीएमएफ घोटाले के आरोपित सूर्यकांत तिवारी, निखिल चंद्राकर की जमानत पर अभी भी फैसला नहीं हुआ है। इसी वजह से फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना होगा।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकार दत्ता की डबल बेंच ने सुनाया फैसला
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट से इन छह आरोपितों को कड़ी शर्तों पर अंतरिम जमानत मिली है। इस मामले पर फैसला जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकार दत्ता की डबल बेंच ने दी है और सभी शर्तों का सख्ती से पालन करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि जेल से बाहर निलकते ही सभी आरोपियों को राज्य से बाहर जाना पड़ेगा।
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