छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने बिलासपुर स्थित कटघोरा के कथित लव जिहाद मामले में सुनवाई की है। कोर्ट ने कोलकाता में हुए विवाह को अमान्य करार देते हुए विवाह प्रमाण पत्र को अवैध बताया। साथ ही कोर्ट ने दोनों पक्षों के सामने वैधानिक प्रक्रिया अपनाने का विकल्प रखते हुए युवती को फिलहाल नारी शक्ति केंद्र में रखने के निर्देश दिया।
By Roman Tiwari
Edited By: Roman Tiwari
Publish Date: Thu, 12 Jun 2025 09:25:12 AM (IST)
Updated Date: Thu, 12 Jun 2025 09:29:03 AM (IST)

HighLights
- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में कथित लव जिहाद मामले की सुनवाई
- हाई कोर्ट ने कोलकाता में बने विवाह प्रमाणपत्र को बताया अवैध
- अभी नारी केंद्र में रहेगी युवती, वैधानिक प्रक्रिया का दिया विकल्प
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: जिले के कटघोरा क्षेत्र में कथित लव जिहाद मामले को लेकर हाई कोर्ट में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर बुधवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कोलकाता में हुई शादी को अवैध घोषित कर दिया। साथ ही कहा कि यदि दोनों पक्ष चाहें तो नये सिरे से विवाह पर विचार कर सकते हैं। इसी के साथ बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को निराकृत कर दिया गया। याचिकाकर्ता द्वारा सुरक्षा निधि के रूप में जमा कराए गए एक लाख रुपये की राशि भी अदालत ने लौटाने का आदेश दिया।
कोलकाता विवाह प्रमाणपत्र को माना अवैध
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कोलकाता में प्रस्तुत विवाह प्रमाणपत्र को अवैध करार दिया और कहा कि यह कानूनी रूप से मान्य नहीं है। इसलिए इसे निरस्त किया जाता है। परिजनों की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ब्रजेश सिंह ने आग्रह किया कि कोर्ट ऐसा कोई आदेश न दे जिससे किसी पक्ष को अदालत की अवमानना याचिका दायर करने का अधिकार मिले। इस पर कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मध्यस्थता केंद्र में हुई चर्चा और उसकी रिपोर्ट केवल मार्गदर्शन के लिए होगी, यह दोनों पक्षों पर बाध्यकारी नहीं रहेगी।
यह भी पढ़ें: Chhattisgarh News: दहेज में बाइक नहीं मिली तो तीन तलाक बोलकर घर से निकाला
मध्यस्थता केंद्र की रिपोर्ट के आधार पर हुआ निर्णय
मामले की पिछली सुनवाई मंगलवार को हुई थी, जिसमें हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों को मध्यस्थता केंद्र भेजने के निर्देश दिए थे। बुधवार को मध्यस्थता केंद्र की रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट में कहा गया कि दोनों पक्षों की विस्तृत चर्चा कराई गई। यदि दोनों विवाह करना चाहते हैं तो वे स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत मैरिज रजिस्ट्रार के समक्ष आवेदन दे सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इसी प्रक्रिया के पूरा होने पर ही वैवाहिक संबंध वैध माने जाएंगे।
अभी नारी शक्ति केंद्र में ही रहेगी युवती
कोर्ट ने युवती के कथन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब तक वैवाहिक प्रक्रिया विधिक रूप से पूरी नहीं हो जाती, तब तक युवती नारी शक्ति केंद्र में ही रहेगी। स्वजनों ने भी स्पष्ट किया कि वे उचित कानूनी प्रक्रिया पूर्ण हुए बिना युवती को युवक के साथ नहीं भेजेंगे।
यह भी पढ़ें: राजनांदगांव में पहली बार ऐसी घटना हुई, रेत तस्करों ने चलाई गोली, एक घायल
वैधानिक प्रक्रिया अपनाने का दिया विकल्प
कोर्ट ने अपने आदेश में दोनों पक्षों को स्पष्ट रूप से यह विकल्प दिया कि यदि वे विवाह करना चाहते हैं तो स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत वैधानिक प्रक्रिया अपनाएं। साथ ही याचिका का निराकरण करते हुए सुनवाई समाप्त कर दी।