महासमुंद में 211 साल पुराने स्कूल को बंद करने पर कांग्रेस ने किया ताला जड़कर प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में 211 वर्ष पुराने ऐतिहासिक प्राथमिक स्कूल को बंद करने का विरोध शुरू हो गया है। कांग्रेस नेताओं ने सोमवार को स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला जड़कर प्रदर्शन किया।

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खट्टी गांव स्थित यह स्कूल 1814 में अंग्रेजी शासन काल में स्थापित हुआ था। अब सरकार इसे 2005 में खुले कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय में विलय करना चाहती है। पूर्व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का विरोध किया।

स्कूल की ऐतिहासिक महत्ता को देखते हुए 1999 में सरकार ने शताब्दी समारोह के लिए 50 हजार रुपए दिए थे। इसके अलावा धरोहर के रूप में 4.95 लाख रुपए का अनुदान भी मिला था। वर्तमान में इस प्राथमिक स्कूल में 206 विद्यार्थी पढ़ते हैं। जबकि जिस कन्या विद्यालय में इसका विलय किया जा रहा है, वहां केवल 115 छात्राएं हैं।

पहले यह स्कूल आसपास के 40 गांवों के बच्चों की शिक्षा का केंद्र था। कई स्वतंत्रता सेनानियों ने यहां प्राथमिक शिक्षा प्राप्त की है। कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार और शिक्षा मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना है कि इतनी बड़ी ऐतिहासिक धरोहर को बंद करना उचित नहीं है।

कांग्रेस ने दी आंदोलन की चेतावनी

पूर्व विधायक व कांग्रेस नेताओं ने शासन से पूछा है कि आखिर किस आधार पर इस स्कूल को मर्ज किया गया, जबकि युक्तियुक्तकरण नियम की कंडिका क्रमांक 6 में स्पष्ट उल्लेख है कि ऐतिहासिक और पुरातन मान्यताओं से जुड़ी शालाओं का विलय नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस नेताओं ने इसे भाजपा सरकार का दोहरा चरित्र बताते हुए कहा कि एक ओर वह सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण की बात करती है और दूसरी ओर ऐतिहासिक विद्यालयों को बंद करने में लगी है। उन्होंने इसे तानाशाही और मनमानी करार देते हुए चेताया कि अगर सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया, तो कांग्रेस उग्र आंदोलन करेगी।

बीईओ धरना स्थल पर पहुंचे, नहीं दे पाए स्पष्ट जवाब

धरने की सूचना मिलते ही विकासखंड शिक्षा अधिकारी लीलाधर सिन्हा और संकुल प्रभारी जागेश्वर सिन्हा मौके पर पहुंचे। बीईओ सिन्हा ने पूर्व विधायक के समक्ष बैठकर चर्चा की, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि 211 साल पुराने इस स्कूल को किस नियम के तहत मर्ज किया गया, तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

धरना स्थल पर पूर्व विधायक, संजय शर्मा, दाऊलाल चंद्राकर, हीरा बंजारे, अमन चंद्राकर, ढेलू निषाद, अन्नू चंद्राकर, पार्षद सूरज नायक, पूर्व पार्षद बबलू हरपाल, नितेश बैनर्जी सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे और उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

शासन को भेजा जाएगा प्रतिवेदन

विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने प्रदर्शनकारी नेताओं को आश्वस्त किया कि इस पूरे मामले की जानकारी शासन स्तर पर भेजी जाएगी। शासन से जो भी निर्देश प्राप्त होंगे, उसके अनुसार अगली कार्रवाई की जाएगी।

इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने फिलहाल धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि यदि स्कूल के अस्तित्व को बचाने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आगे व्यापक आंदोलन किया जाएगा।



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