इतना बड़ा टयूमर कि गिरी तो फेफड़ा हो गया क्षतिग्रस्त, मौत

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March 22, 2025


अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान 50 वर्षीय महिला के पेट से 12 किलो वजनी ट्यूमर निकला, जो उसकी मौत का कारण बना। गिरने से ट्यूमर के दबाव से फेफड़ा क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे अंदरूनी रक्तस्राव हुआ। समय पर इलाज कराने से महिला की जान बचाई जा सकती थी।

By Neeraj Pandey

Publish Date: Thu, 30 Jan 2025 06:01:56 PM (IST)

Updated Date: Thu, 30 Jan 2025 06:01:56 PM (IST)

इतना बड़ा टयूमर कि गिरी तो फेफड़ा हो गया क्षतिग्रस्त, मौत
इतने बड़े ट्यूमर के दुर्लभ मामले सामने आते हैं।

HighLights

  1. महिला के पेट से निकला 12 किलो का ट्यूमर।
  2. गिरने से ट्यूमर के दबाव से फेफड़ा फटा, मौत।
  3. समय पर ऑपरेशन से बच सकती थी महिला।

नईदुनिया प्रतिनिधि,अंबिकापुर : मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान महिला के पेट से 12 किलो वजनी ट्यूमर निकला। यही ट्यूमर महिला की मौत का कारण बना। महिला के गिरने के कारण ट्यूमर से फेफड़ा क्षतिग्रस्त हो गया था। अंदर ही रक्त स्राव होने के कारण महिला की मौत हो गई थी।

घर में अकेली रहती थी महिला

शहर के चोपड़ापारा में किराए के मकान में पखरसिया तिग्गा (50) अकेले रहती थी। परिवार में कोई नहीं था। 27 दिसंबर 2024 की सुबह महिला बाथरूम के पास पड़ी थी। पड़ोसियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया था। जांच के बाद चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।

महिला की संदिग्ध मौत

संदिग्ध मौत के कारण उसका पोस्टमार्टम कराया गया था। अब जो कारण निकल कर आया है। वह हैरान करने वाला है। फोरेंसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डा संटू बाग ने बताया कि महिला की मौत का शुरूआती लक्षण हृदयाघात लग रहा था, लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान हृदय सुरक्षित था।

ऑपरेशन में निकला ट्यूमर

फेफड़े में रक्त स्राव होने का पता चला। जब इसका कारण जानने के लिए पेट को फाड़ा गया तो 11 किलो 800 ग्राम वजनी ट्यूमर निकला। संभावना है कि पैर फिसलने से महिला मुंह के बल गिरी होगी और वजनी ट्यूमर के दबाव से उसका फेंफड़ा फट गया और महिला की मौत हो गई।

समय पर इलाज से बच सकती थी जान

अगर महिला समय पर इलाज करवाकर ट्यूमर निकलवा लेती तो उसकी जान बच सकती थी। पोस्टमॉर्टम के दौरान मृत महिला के पेट से इतना वजनी फाइब्राइड ट्यूमर निकलने की घटना असामान्य है। जीवित महिला के पेट से ऑपरेशन के दौरान इससे अधिक वजनी ट्यूमर निकाले जा चुके हैं।

दा संटू बाग ने बताया कि महिला के पेट का आकार बढ़ा हुआ था। लग रहा था कि गर्भा हो, किंतु ऐसा नहीं था। वह बच्चेदानी का रसोली (फाइब्राइड) था, जिसकी पुष्टि हिस्टोपैथोलाजी विभाग से उत्तकीय जांच में हुई है।



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