शिक्षक के इस करतूत की जानकारी मिलते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया। फिलहाल शिक्षक की इस अवांछनीय गतिविधि को देखते हुए उसे निलंबित कर दिया गया है। उसके खिलाफ प्राथमिकी को लेकर विभागीय अधिकारी से अनुमति मांगी गई है।
By Anang Pal Dixit
Publish Date: Tue, 03 Dec 2024 12:53:13 AM (IST)
Updated Date: Tue, 03 Dec 2024 12:53:13 AM (IST)

HighLights
- बरबसपुर हाईस्कूल की घटना
- स्कूल नहीं आने पर प्राचार्य ने किया था प्रधान पाठक को अनुपस्थित
- इस घटना से नाराज था,वेतन मिलने में हो रही थी दिक्कत
नईदुनिया न्यूज, प्रतापपुर: विकासखंड प्रतापपुर के बरबसपुर हाईस्कूल से एक शराबी प्रधानपाठक का दुस्साहस से भरा आपराधिक मामला सामने आया है। यहां के हाईस्कूल की महिला प्राचार्य जयंती एक्का के ऊपर प्राथमिक शाला में प्रधानपाठक के पद पर पदस्थ शिक्षक ने बंदूक तान दी। शिक्षक के इस करतूत की जानकारी मिलते ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया। फिलहाल शिक्षक की इस अवांछनीय गतिविधि को देखते हुए उसे निलंबित कर दिया गया है। उसके खिलाफ प्राथमिकी को लेकर विभागीय अधिकारी से अनुमति मांगी गई है।
29 नवंबर को जिला शिक्षा अधिकारी सूरजपुर द्वारा उक्त शिक्षक के निलंबन संबंधी आदेश में बताया गया है कि बरबसपुर गांव के मुसलमान पारा में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में प्रधानपाठक के पद पर पदस्थ सुशील कुमार कौशिक 25 नवंबर को नशे की हालत में बंदूक लेकर बरबसपुर के ही कोड़ाकुपारा स्थित शासकीय हाईस्कूल में घुसकर संकुल प्राचार्य को गोली मारने की धमकी देने लगा। प्राचार्य की शिकायत पर की गई मामले की जांच में प्रधानपाठक को उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, नशे की हालत में स्कूल आने, शिक्षकीय कर्तव्यों के विपरित कार्य करने तथा अनुशासनहीनता का कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के उल्लंघन का प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया। इसके कारण सुशील कुमार कौशिक प्रधानपाठक मुसलमान पारा बरबसपुर विकासखंड प्रतापपुर को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा कार्यालय प्रेमनगर जिला सूरजपुर निर्धारित किया गया है।
भरमार बंदूक लेकर घुसा था स्कूल में-
इधर बरबसपुर के हाईस्कूल में बंदूक लेकर घुसे प्रधानपाठक मामले में वहां के ग्रामीणों का कहना है कि प्रधान पाठक शिकारियों के द्वारा उपयोग में लाई जाने वाली भरमार बंदूक को अपनी पीठ में टांगकर हाईस्कूल में घुसा था। जहां कुर्सी पर बैठी महिला संकुल प्राचार्य के ऊपर बंदूक तानकर धमकाते हुए कहने लगा कि प्राथमिक शाला नहीं जाता हूं तो मुझे अनुपस्थित कर देती हो आगे से ऐसा किया तो गोली मार दूंगा। इसके बाद प्राचार्य सहमी हालत में किसी तरह से कुर्सी से उठीं और बाहर निकलकर शोर मचाते हुए ग्रामीणों को बुलाने लगीं। इधर प्रधानपाठक प्राचार्य की कुर्सी पर बैठकर हंगामा करने लगा। कुछ देर बाद जब शोर सुनकर ग्रामीण इकट्ठा होने लगे तो प्रधानपाठक भरमार बंदूक को लेकर मौके से फरार हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानपाठक भरमार बंदूक को बरबसपुर से ही लगे एक अन्य गांव मरकाडांड़ में रहने वाले किसी व्यक्ति से लेकर आया था। हालांकि प्रधानपाठक द्वारा हाईस्कूल में लाई गई बंदूक किस श्रेणी की थी इसकी अभी तक अधिकृत रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है। इस विषय से जुड़ा एक वीडियो भी इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहा है जिसमें प्रधान पाठक प्राचार्य की कुर्सी पर बंदूक के साथ बैठा नजर आ रहा है। हालांकि मामले को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने अभी तक थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई है। फिर भी इंटरनेट मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद प्रतापपुर पुलिस अपने स्तर पर बंदुकबाज प्रधानपाठक पर कार्रवाई करने के लिए उसकी तलाश कर रही है।
स्थानीय निवासी होने का दिखाता है रौब-
ग्रामीणों ने बताया कि राइफल लेकर हाईस्कूल में घुसा शासकीय प्राथमिक शाला का प्रधानपाठक बरबसपुर का ही रहने वाला है। इसलिए पूरे गांव पर रौब झाड़ते हुए कहता है कि मैं स्कूल में पढ़ाने जाऊं या न जाऊं मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। प्रधानपाठक आदतन शराबी है। बच्चों को पढ़ाने में उसकी कोई रूचि नहीं है। प्राथमिक शाला से वह लगातार अनुपस्थित रहता था। गाहेबगाहे स्कूल में आता भी था तो नशे में चूर होकर ही आता था। बच्चों को पढ़ाने के बजाए उन्हें धमकी देकर स्कूल से नौ दो ग्यारह हो जाता था। इधर हाईस्कूल की महिला प्राचार्य जिनके ऊपर संकुल प्राचार्य होने के नाते प्रधानपाठक की पदस्थापना वाली प्राथमिक शाला के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी थी वे प्रधानपाठक के स्कूल न आने पर उसे अनुपस्थित कर देती थीं। इसके कारण प्रधानपाठक को वेतन मिलने में दिक्कत होने लगती थी। इसी बात से नाराज होकर प्रधानपाठक भरमार लेकर प्राचार्य को धमकाने के लिए स्कूल में घुस गया था।
मामले में विकासखंड शिक्षा अधिकारी मुन्नू सिंह धुर्वे ने बताया कि प्रधानपाठक को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर अनुमति मांगी गई है।