तीन -चार बार भालू ऊंची डंगाल से नीचे की ओर आया भी लेकिन उतरा नहीं बल्कि फिर ऊंचे डंगाल पर जाकर बैठ गया।इस दौरान भालू देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आसपास जमे रहे। वन अधिकारियों – कर्मचारियों के साथ पुलिस कर्मचारी भी रेस्क्यू में लगे रहे।
By Asim Sen Gupta
Publish Date: Mon, 02 Dec 2024 12:09:33 AM (IST)
Updated Date: Mon, 02 Dec 2024 12:09:33 AM (IST)

HighLights
- भालू देखने जमा रही भीड़
- भालू को पेड़ से नीचे उतारने का वन विभाग का हर प्रयास फेल
- उदयपुर से लगे ग्राम पंचायत सोनतराई का मामला
नईदुनिया न्यूज, उदयपुर : सरगुजा जिले के ब्लाक मुख्यालय उदयपुर से लगे ग्राम पंचायत सोनतराई के पंचायत भवन के सामने महुआ पेड़ पर 14 घंटे से भालू जमा हुआ है। रविवार सुबह से वन कर्मचारी उसे सुरक्षित तरीके से नीचे उतारने के प्रयास में लगे रहे लेकिन सफलता नहीं मिली। तीन -चार बार भालू ऊंची डंगाल से नीचे की ओर आया भी लेकिन उतरा नहीं बल्कि फिर ऊंचे डंगाल पर जाकर बैठ गया।इस दौरान भालू देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आसपास जमे रहे। वन अधिकारियों – कर्मचारियों के साथ पुलिस कर्मचारी भी रेस्क्यू में लगे रहे।
रविवार की भोर में ग्राम डूमरडीह की ओर से दो भालू भागते हुए सोनतराई गांव की ओर बढ़ रहे थे। उसी दौरान धूप निकल रहा था। तभी उदयपुर के ग्राम सोनतराई स्थित शासकीय राजकुमार धीरज सिंह महाविद्यालय के पास अचानक सामने से आ रहे लोगों को देखकर एक भालू महुआ के पेड़ पर चढ़ गया। दूसरा भालू तेजी से भाग गया। भालू महुआ पेड़ पर लगभग 30 फीट ऊंची डंगाल पर जाकर बैठ गया। जैसे ही लोगों को भालू के पेड़ पर चढ़ने की जानकारी मिली वैसे ही भीड़ बढ़ने लगी। रेंजर कमलेश राय,थाना प्रभारी निरीक्षक कुमारी चंद्राकर के साथ वन व पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी रेस्क्यू में जुटे रहे। लोगों को दूर रहने की लगातार समझाइश दी जाती रही। देखने वालों की भीड़ बढ़ने के कारण भालू और ऊपर चढ़ते गया। रात आठ बजे तक भालू पेड़ पर ही बैठा हुआ था।एसडीओ फारेस्ट बृजेंद सिंह ठाकुर, रेंजर कमलेश राय के साथ अशोक प्रताप सिंह, शशिकांत सिंह, गिरीश बहादुर सिंह के साथ वन कर्मचारी रात तक महुआ पेड़ के आसपास ही जमे हुए थे।उदयपुर क्षेत्र में भालुओं का स्वच्छंद विचरण होता है।
इन उपायों से भालू को नीचे उतारने का प्रयास
0 लंबा बांस लेकर भालू के आसपास वाले डंगालों को हिलाया गया ताकि अगल – बगल हलचल होने पर भालू नीचे उतर सके।
0 भीड़ के कारण भालू के नीचे नहीं उतरने की संभावना पर लोगों को दूर हटाया गया। महुआ पेड़ के आसपास के क्षेत्र को शांत रखा गया। इंसानी हलचल नहीं होने के बाद भी भालू पेड़ से नीचे नहीं उतरा।
0 पेड़ के जिस डंगाल पर भालू बैठा हुआ था, उसके आसपास धुआं किया गया। उम्मीद थी कि धुएं के कारण भालू नीचे आ जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
0 शाम ढलने के बाद सारे उपाय बंद कर दिए गए। अंधेरा और लोगों की चहलकदमी नहीं होने पर भालू के स्वमेव पेड़ से नीचे उतर जाने की उम्मीद पर उसकी दूर से ही निगरानी शुरू की गई है।