अंबिकापुर जिला प्रशासन और कृषि विभाग ने मिलकर धान और मक्के के नकली बीज बनाने वाली फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। विभाग ने फैक्ट्री पर अचानक छापा मारकर नामी कंपनियों के पैकेटों में नकली बीज बरामद किया है। बाजार से साधारण धान और मक्का लाकर उसे कैमिकल रंगों की मदद से नकली बीज बनाया जा रहा था।
By Roman Tiwari
Edited By: Roman Tiwari
Publish Date: Fri, 06 Jun 2025 11:42:00 AM (IST)
Updated Date: Fri, 06 Jun 2025 11:42:00 AM (IST)

HighLights
- नकली कृषि बीज बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा
- नामी कंपनियों के पैकेटों में हो रही थी पैंकिग
- धान और मक्के के जाली बीज हुए बरामद
नईदुनिया प्रतिनिधि, अंबिकापुर: अंबिकापुर में नकली धान और मक्का बीज के अवैध कारोबार का राजफाश हुआ है। अंबिकापुर के गंगापुर इलाके में जिला प्रशासन और कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने एक अवैध नकली बीज निर्माण और पैकिंग फैक्ट्री पर छापा मारकर भारी मात्रा में नकली धान और मक्के के बीज बरामद किए हैं।
बता दें कि छापे के दौरान फैक्ट्री से हजारों तैयार पैकेट, पैकिंग सामग्री, सीलिंग मशीन, केमिकलयुक्त रंगीन तरल और नामी बीज कंपनियों नकली पैकेट बरामद किए गए। कुछ पैकेट खाली थे तथा कुछ पैकेटों में बीज भरा हुआ था। आशंका जताई जा रही है कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था और बड़ी मात्रा में नकली बीज बाजार में खप चुके हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है।
जानकारी के अनुसार, तहसीलदार उमेश कुमार बाज और कृषि विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि गंगापुर क्षेत्र में नकली बीज की एक फैक्ट्री संचालित हो रही है। सूचना की पुष्टि होते ही टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री पर छापा मारा। छापे के वक्त फैक्ट्री के बाहर एक ट्रक खड़ा था। इस ट्रक से 750 बोरी धान मंगाए गए थे। धान की बोरियों को रायगढ़ के सरिया और चंद्रपुर से लोड किया गया था।
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इसी प्रकार स्थानीय धान से नकली बीज तैयार करने के खेल की पुष्टि जांच के दौरान हुई। फैक्ट्री के भीतर बड़े पैमाने पर नकली बीजों की पैकिंग की जा रही थी। धान और मक्के को रंगीन केमिकल में डुबोकर उन्हें नया और आकर्षक दिखाया जा रहा था, फिर इन्हें नामी कंपनियों के खाली पैकेटों में भरकर सील किया जा रहा था।
रात में चलती थी मशीनें, दिन में पैकेजिंग का काम
धान और मक्के की नकली बीज तैयार करने वाली फैक्ट्री खुले जगह पर थी। अगल-बगल मकान थे और बीच में रिक्त जगह पर सामने लोहे के टिन से घेरा किया गया था। इसके पीछे दो कमरे थे। बीच के खाली हिस्से को तिरपाल और प्लास्टिक से ढक कर वहां नकली बीज तैयार किया जा रहा था। जांच में पता चला कि रात को यहां मशीनें चलती थी। स्थानीय धान और मक्का की खरीदी कर उसमें केमिकलयुक्त रंग मिलाकर बीज तैयार किया जाता था। रात आठ बजे से सुबह पांच बजे तक नकली बीज तैयार होता था। उस दौरान मशीनों से आवाज आती थी। दिन में नकली बीजों की पैकेजिंग का काम चलता था।
किसानों को गुमराह करने की साजिश
मौके से बड़ी संख्या में नामी कंपनियों के खाली पैकेट मिले हैं। इससे साफ जाहिर है कि किसानों को भ्रमित कर उनकी मेहनत और फसलों से छलावा करने की सुनियोजित साजिश रची जा रही थी। ये पैकेट बाजार में बिकते असली बीजों जैसे ही दिखते हैं, जिससे आम किसान के लिए नकली और असली में फर्क कर पाना लगभग असंभव होता। यदि बाजार में यह नकली धान और मक्का बीज खप गया होगा तो किसानों को नुकसान हो सकता है।
संचालक फरार, एफआइआर की तैयारी
फैक्ट्री में कार्यरत मजदूरों ने बताया कि इसका संचालन इंद्रजीत नामक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा था, जो छापे के समय मौके से फरार हो गया। प्रशासन ने ट्रक को भी जब्त कर लिया है और मामले में एफआइआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
तहसीलदार उमेश कुमार बाज ने बताया कि फैक्ट्री को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया है और संचालक की तलाश जारी है। प्रशासन का कहना है कि यह केवल आर्थिक धोखाधड़ी का नहीं बल्कि आपराधिक षड्यंत्र का मामला है, जिसमें खाद्य सुरक्षा, कृषि कानून और किसान हितों का गंभीर उल्लंघन हुआ है।
सतर्क रहें किसान, बीज खरीद में सावधानी बरतें
प्रशासन और कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे बीज खरीदते समय लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं से ही खरीदारी करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि या सामग्री की तत्काल सूचना नजदीकी कृषि कार्यालय या प्रशासनिक अमले को दें।यह केवल एक फैक्ट्री की बात नहीं है। संभाग के दूसरे जिलों में भी ऐसे गिरोह सक्रिय हो सकते हैं जो किसानों की मेहनत को निशाना बना रहे हैं।