जब वन विभाग की टीम पहुंची और पूछताछ की गई तो मौत संदिग्ध लगा। दरअसल, कुंड में कपड़ा धोने, नहाने या मछली पकड़ने पर ट्रस्ट ने रोक लगा रखी है। प्रतिबंध के बाद किसने इस तरह की बदमाशी की होगी, यह जांच का विषय है।
By Shashank Shekhar Bajpai
Publish Date: Wed, 26 Mar 2025 11:48:46 AM (IST)
Updated Date: Wed, 26 Mar 2025 11:48:46 AM (IST)

HighLights
- घटना से मचा हड़कंप, वन विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची।
- कछुओं की मौत की सूचना पर मंदिर में पहुंची लोगों की भीड़।
- कुंड के पास के सीसीटीवी कैमरे बंद थे, सुराग तलाश रही पुलिस।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। रतनपुर स्थित महामाया मंदिर कुंड के किनारे 30 कछुए मृत मिले। सभी जाल में फंसे हुए थे। घटना सामने आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। कछुओं की मौत की वजह स्पष्ट नहीं है। ट्रस्ट का सहयोग लेकर वन विभाग मामले की जांच में जुटी है।
जाल में फंसे मृत कछुओं को मंगलवार की सुबह देखा गया। एक शख्स ने इसकी जानकारी ट्रस्ट को दी। इसके बाद कछुओं की मौत की यह घटना आग की तरह फैल गई। प्रथम दृष्टया तो यही लगा कि किसी ने कुंड में जाल फेंका होगा। उसमें कछुए फंसने के बाद वह मौके पर उन्हें छोड़कर भाग गया होगा।
आज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया गया
विभाग ने इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही अज्ञात के खिलाफ विभाग ने अपराध भी दर्ज कर लिया है। इधर, घटना के बाद से रतनपुर में हड़कंप मचा हुआ है। सूचना मिलते भीड़ मौके पर पहुंच गई।
इसके बाद वन विभाग ने कछुओं को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार भी किया गया। मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही शंकर गेट के पास अज्ञात तत्वों द्वारा महामाया मैदान की दुकान में आग लगा दी गई थी। घटना के दौरान इसकी चर्चा भी हुई और यह कहा कि मंदिर परिसर में असामाजिक तत्वों की घुसपैठ है।
बाहर से लाकर कछुओं को रखने की आशंका
वन विभाग की टीम मृत कछुओं को लेकर पोस्टमार्टम के लिए कानन पेंडारी जू पहुंची। यहां पोस्टमार्टम के दौरान एक बात सामने आई। कछुओं की मौत तीन से चार दिन पहले हो चुकी है।
ऐसे में आशंका यह भी है कि बदमाशों ने बाहर से मृत कछुओं को लाकर कुंड के किनारे रखा है। कैमरों की जांच में कुछ अहम सुराग मिलने की उम्मीद है। पोस्टमार्टम के बाद कानन पेंडारी में मृत कछुओं का अंतिम संस्कार किया गया।
आज जांच के लिए बिसरा भेजेंगे जबलपुर
डीएफओ बिलासपुर वनमंडल के डीएफओ सत्यदेव शर्मा का कहना है कि घटना बड़ी और गंभीर है। पोस्टमार्टम के दौरान तीन से चार दिन पहले कछुओं की मौत होने की जानकारी से घटना और पेचिदा हो गई है।