उत्तराधिकार को लेकर Chhattisgarh High Court का फैसला, दत्तक पिता नहीं बन सकता संपत्ति का उत्तराधिकारी, सिर्फ नॉमिनी होना काफी नहीं

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June 11, 2025


छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की एकलपीठ ने उत्तराधिकार के मामले में सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। जिसके अनुसार दत्तक पिता संपत्ति का उत्तराधिकारी नहीं हो सकता। इसका निर्णय उत्तराधिकार कानून के आधार पर किया जाएगा, केवल नॉमिनी होना काफी नहीं है।

By Roman Tiwari

Edited By: Roman Tiwari

Publish Date: Wed, 11 Jun 2025 08:56:28 AM (IST)

Updated Date: Wed, 11 Jun 2025 08:59:22 AM (IST)

उत्तराधिकार को लेकर Chhattisgarh High Court का फैसला, दत्तक पिता नहीं बन सकता संपत्ति का उत्तराधिकारी, सिर्फ नॉमिनी होना काफी नहीं
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट

HighLights

  1. उत्तराधिकार को लेकर दत्तक पिता का दावा खारिज
  2. संपत्ति पर अधिकार के लिए नॉमिनी होना काफी नहीं
  3. अंतिम वितरण उत्तराधिकार कानून के अनुसार होगा

नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने उत्तराधिकार से संबंधित एक याचिका की सुनवाई करते हुए मामले में बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। निर्णय में कहा है कि दत्तक पिता अविवाहित पुत्री की बीमा, बैंक राशि या संपत्ति का उत्तराधिकारी नहीं हो सकता। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की एकलपीठ ने यह टिप्पणी रायगढ़ जिले के एक मामले की सुनवाई के दौरान की।

जानकारी के अनुसार, यह मामला खितिभूषण पटेल द्वारा दायर अपील से जुड़ा था। खितिभूषण ने अपनी भतीजी कुमारी ज्योति पटेल को दत्तक पुत्री के रूप में लिया था। ज्योति के पिता पंचराम पटेल, जो कि पुलिस विभाग में कांस्टेबल थे और उनका निधन 1999 में हो गया था। माता फूलकुमारी उनके बचपन में ही ससुराल छोड़ गई थीं। पिता की मृत्यु के बाद ज्योति दादा के संरक्षण में रही

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बाद में खितिभूषण पटेल ने ज्योति को विधिवत गोद लिया और उसकी शिक्षा, पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाई। ज्योति को अनुकंपा नियुक्ति भी मिली, लेकिन 17 सितंबर 2014 को अविवाहित अवस्था में उसकी मृत्यु हो गई। मृत्यु के बाद दत्तक पिता ने उसके बीमा, बैंक खाता और जमा राशि प्राप्त करने सिविल कोर्ट में उत्तराधिकार वाद प्रस्तुत किया, जो खारिज कर दिया गया।

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उत्तराधिकार कानून के आधार पर होगा फैसला

इसके विरुद्ध उन्होंने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी। हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि, बीमा या बैंक खाते में भले ही दत्तक पिता को नामांकित किया गया हो, लेकिन संपत्ति का अंतिम वितरण उत्तराधिकार कानून के अनुसार ही होगा। नामित व्यक्ति सिर्फ उस राशि को अस्थायी तौर पर प्राप्त कर सकता है, वास्तविक हकदार उत्तराधिकारी होंगे। कोर्ट ने इस आधार पर अपील को खारिज कर दिया।



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