घटना की जानकारी पर हिंदू संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और मतांतरण के प्रयास का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस द्वारा दीपा गोटेल, पास्टर दीपक सिदार, पूजा सिदार, गुरुविंदर सिंह, शिवकुमार धीवर एवं मधु कुमार केंवट को हिरासत में लेकर पूछताछ की।
By Shashank Shekhar Bajpai
Publish Date: Mon, 07 Apr 2025 05:27:30 PM (IST)
Updated Date: Mon, 07 Apr 2025 05:27:30 PM (IST)

HighLights
- सरकंडा क्षेत्र के बहतराई स्थित मकान में चल रही थी प्रार्थनासभा।
- अटल आवास निवासी दीपा गोटेल सहित कई लोगों को हिरासत में लिया।
- वह अपने घऱ पर हर रविवार को प्रार्थना सभा आयोजित कर रही थी।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। सरकंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत बहतराई स्थित अटल आवास में रविवार को आयोजित एक प्रार्थना सभा के दौरान कथित रूप से मतांतरण के प्रयास का मामला प्रकाश में आया। इस संबंध में हिंदू संगठनों द्वारा आपत्ति दर्ज कराए जाने पर पुलिस द्वारा तत्काल संज्ञान लेते हुए छह आरोपियों को हिरासत में लिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अटल आवास निवासी दीपा गोटेल अपने निवास पर प्रत्येक रविवार को प्रार्थना सभा आयोजित कर रही थीं। 31 मार्च को आयोजित सभा में यदुनंदन नगर निवासी पास्टर दीपक सिंह सिदार एवं उनकी पत्नी पूजा सिदार द्वारा धार्मिक उपदेश दिया जा रहा था।
इसमें बड़ी संख्या में हिंदू धर्मावलंबी उपस्थित थे। घटना की जानकारी पर हिंदू संगठनों से जुड़े प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और मतांतरण के प्रयास का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
प्रतिबंधात्मक धाराओं में की गई कार्रवाई
सूचना पर सरकंडा थाना प्रभारी निलेश पांडेय के नेतृत्व में पुलिस दल मौके पर पहुंचा और स्थिति को शांतिपूर्वक नियंत्रित किया। पुलिस द्वारा दीपा गोटेल, पास्टर दीपक सिदार, पूजा सिदार, गुरुविंदर सिंह, शिवकुमार धीवर एवं मधु कुमार केंवट को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।
जांच के पश्चात छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रय अधिनियम के अंतर्गत विधिक कार्रवाई प्रारंभ की गई है। साथ ही एहतियातन प्रतिबंधात्मक धाराओं के अंतर्गत भी कार्रवाई की गई है।
लगातार सामने आ रहे मामले
मतांतरण के प्रयास के मामले शहर और आस-पास में पहले भी सामने आ चुके हैं। हिंदू संगठनों की ओर से इस पर विरोध प्रदर्शन भी किया गया था।
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कई बार धार्मिक सभाओं की आड़ में लोगों को बहला-फुसलाकर मत बदलने के लिए प्रेरित किया जाता है। कार्रवाई के बाद भी ऐसे मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी कड़ी में अब ये नया मामला सामने आ गया है।
दबावपूर्वक मतांतरण कराना है अपराध
धार्मिक स्वतंत्रता कानून के तहत बिना अनुमति या दबावपूर्वक मतांतरण दंडनीय अपराध है। ऐसे मामलों में प्रशासन की ओर से निर्देश हैं कि किसी भी आयोजन से पहले अनुमति लें, विशेषकर जब उसमें बड़ी संख्या में लोग एकत्र हों।
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यदि किसी कार्यक्रम में मतांतरण की आशंका हो, तो उस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भी इस तरह की गतिविधि की जानकारी दिए बिना ही आयोजन कराए जा रहे हैं।