खबर छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से है। महिला का आरोप है कि उसकी पुश्तैनी जमीन पर कब्जा हो गया। महिला अपनी फरियाद लेकर कई जगह गई, अधिकारियों से मिली, दफ्तरों के चक्कर लगाए, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। परेशान होकर यह कदम उठाना पड़ा।
By Arvind Dubey
Publish Date: Tue, 22 Apr 2025 02:38:12 PM (IST)
Updated Date: Tue, 22 Apr 2025 02:38:12 PM (IST)

HighLights
- जमीन पर बनी थी पुरखों की समाधि
- संतोष सारडा पर है कब्जे का आरोप
- महिलाओं से बदसलूकी भी करता है
नईदुनिया न्यूज, गरियाबंद : जिले में 70 वर्षीय महिला ओम बाई बघेल ने न्याय की गुहार लगाते हुए राष्ट्रपति को अपने खून से पत्र लिखा है। मामला जमीन विवाद से जुड़ा है। न्याय नहीं मिलने से निराश होकर महिला ने यह कदम उठाया।
छुरा ब्लॉक निवासी ओम बाई गंभीर बीमारी टीबी से पीड़ित हैं और लंबे समय से अपनी पुश्तैनी जमीन को लेकर गांव के संतोष सारडा के साथ उनका विवाद है।
महिला का कहना है कि इस जमीन पर उनके पूर्वजों की परंपरागत समाधि (मठ) बनी थी, जिसे संतोष सारडा ने जबरन तोड़कर जमीन पर कब्जा कर लिया। ओम बाई का आरोप है कि मठ तोड़ते समय महिलाओं के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया और उन्हें लगातार प्रताड़ित किया गया। प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अंततः वह एक पैथोलॉजी लैब गईं, वहां से खून निकलवाकर उसी खून से राष्ट्रपति को पत्र लिखा।
शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की सजा
महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़ी एक अन्य खबर कोरबा से है। शादी का झांसा देकर तीन साल तक नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया। बाद में विवाह करने से इंकार कर दिया। मामले की सुनवाई उपरांत अपर सेशन न्यायाधीश एफटीएससी (पाक्सो) ने आरोपित को 10 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई। मामला सिविल लाइन थाना अंतर्गत पंडरीपानी क्षेत्र की है।