छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष की मौत का मामला, ‘डॉक्टर डेथ’ को दमोह से लेकर आई बिलासपुर पुलिस

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May 1, 2025


दमोह के मिशन अस्पताल में कार्यरत फर्जी कार्डियोलाजिस्ट नरेंद्र विक्रमादित्य यादव को सरकंडा पुलिस ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र शुक्ल की मौत के 18 साल पुराने मामले में पूछताछ हेतु ट्रांजिट रिमांड पर लिया है। आरोपी पर कई मरीजों की मौत का आरोप है, डिग्री फर्जी पाई गई।

By Anurag Mishra

Publish Date: Thu, 01 May 2025 09:38:32 PM (IST)

Updated Date: Thu, 01 May 2025 09:38:32 PM (IST)

छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष की मौत का मामला, 'डॉक्टर डेथ' को दमोह से लेकर आई बिलासपुर पुलिस
फर्जी डॉक्टर को बिलासपुर पुलिस दमोह से लेकर आई है। (फोटो- नईदुनिया प्रतिनिधि)

HighLights

  1. फर्जी कार्डियोलाजिस्ट नरेंद्र यादव को पुलिस ने पकड़ा।
  2. 2006 में अपोलो में बिना डिग्री डॉक्टर नियुक्त था।
  3. इलाज से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की मौत हो गई थी।

नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में स्थित मिशन अस्पताल के फर्जी कार्डियोलाजिस्ट नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एन जान केम को बिलासपुर की सरकंडा थाना की पुलिस गुरुवार को पूछताछ के लिए साथ ले आई है। छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की मौत के मामले में 18 साल बाद उससे पूछताछ की जाएगी।

इस मामले में सरकंडा थाने में फर्जी डॉक्टर के साथ अपोलो अस्पताल प्रबंधन पर भी मामला दर्ज है। दमोह पुलिस ने न्यायालय में पेश करने के पूर्व फर्जी डॉक्टर का जिला जेल में स्वास्थ्य परीक्षण कराया। उसे सीजेएम स्नेहा सिंह की अदालत में पेश किया। यहां से सरकंडा पुलिस को पूछताछ के लिए ट्रांजिट रिमांड पर ले जाने की अनुमति प्रदान की गई।

छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की हुई थी मौत

  • मालूम हो कि अपोलो हॉस्पिटल में नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की नियुक्ति एक जून 2006 को हुई थी। वह यहां पर कार्डियोलाजिस्ट के रूप में अपनी सेवाएं दे रहा था। इसी बीच छत्तीसगढ़ विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल को भी इलाज के लिए भर्ती किया गया।
  • यादव ने एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी की थी, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उनकी मौत हो गई थी। राजेंद्र प्रसाद के बेटे डॉ प्रदीप शुक्ल ने शिकायत की। जांच में नरेंद्र विक्रमादित्य यादव की कार्डियोलाजिस्ट की डिग्री फर्जी पाई गई।
  • उसके बाद भी उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई थी और 31 मार्च 2007 को अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने उसे रिलीव कर दिया था। यहां से वह दमोह के मिशन अस्पताल में जाकर नौकरी पा गया, जहां उस पर सर्जरी करके सात लोगों की मौत का प्रकरण दर्ज है। इस मामले में उसे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया था, तब से वह जेल में है।

कई मौत के लगे हैं आरोप

विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की मौत के अलावा तोरवा निवासी भगतराम डोडेजा की भी फर्जी डॉक्टर के इलाज से मौत होने के आरोप लगे हैं। उनके पुत्र ने सरकंडा थाने इसकी शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस का कहना है कि नरेंद्र विक्रमादित्य यादव ने अपोलो अस्पताल में पदस्थापना के दौरान कई मौतें होने की बात कह रही है। इसकी भी जांच होगी।



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