कोटा की गर्भवती गिरजा साहू को सिम्स में पेट दर्द के कारण भर्ती किया गया। इंजेक्शन लगते ही ब्लीडिंग शुरू हुई और गर्भपात हो गया। परिजन ने स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया। डॉक्टरों ने जांच का आश्वासन दिया।
By Anurag Mishra
Publish Date: Sun, 16 Mar 2025 03:57:30 PM (IST)
Updated Date: Sun, 16 Mar 2025 03:57:30 PM (IST)

HighLights
- परिजन ने स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया।
- स्टाफ ने कविता की जगह गिरजा को इंजेक्शन दिया।
- डॉक्टरों ने इलाज का दावा कर जांच का वादा किया।
बिलासपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। सिम्स में पेट दर्ज की समस्या के कारण भर्ती महिला को इंजेक्शन लगाते ही उसका गर्भपात हो गया। परिजन ने डॉक्टरों और स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया है।
आरोप है कि किसी कविता नाम की महिला की जगह इंजेक्शन लगा दिया गया। इधर डॉक्टरों ने महिला का सही इलाज और उसकी जान बचाने की बात कही है। फिलहाल सिम्स प्रबंधन ने महिला के परिजन को जांच का आश्वासन दिया है।
इंजेक्शन लगाकर हुआ ब्लीडिंग
कोटा क्षेत्र के करगीकला गांव में रहने वाली गिरजा साहू (24) पांच महीने की गर्भवती थी। पेट दर्द के कारण परिजन उसे सिम्स लेकर आए थे। यहां पर उसे भर्ती कर इंजेक्शन दिया गया। इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद ही उसे ब्लीडिंग शुरू हो गई। इसके कारण उसका गर्भपात हो गया।
पीड़िता ने लगाया लापरवाही का आरोप
पीड़ित गिरजा ने आरोप लगाया है कि वार्ड में कविता नाम की महिला भर्ती थी। वह आठ माह की गर्भवती थी। उसके बच्चे की पेट में मौत हो गई थी। डॉक्टरों ने उसे इंजेक्शन लगाने कहा था। इधर स्टाफ कविता की जगह गिरजा को बुलाकर ले गई। उसे दूसरी महिला की जगह पर इंजेक्शन लगा दिया गया। जब डॉक्टरों को इस लापरवाही की जानकारी हुई उन्होंने स्टाफ को फटकार भी लगाई।
एचओडी ने कहा- नहीं हुई गलती, महिला की बचाई जान
इस पूरे मामले में स्त्री रोग विभाग की एचओडी डा संगीता जोगी ने किसी तरह की लापरवाही से इन्कार किया है। उन्होंने बताया कि महिला की जांच रिपोर्ट के बाद उपचार किया गया है। अगर उसे सही समय पर इलाज नहीं मिलता तो उसकी मौत भी हो सकती थी। उन्होंने पूरे मामले की जांच भी कराने का आश्वासन दिया है।