शहर के विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों द्वारा रंगपंचमी के अवसर पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। शहर के प्रमुख बाजारों में रंग, गुलाल, पिचकारियों और अन्य सामग्री की दुकानों पर फिर से भीड़ लगेगी।
By Shashank Shekhar Bajpai
Publish Date: Mon, 17 Mar 2025 02:25:36 PM (IST)
Updated Date: Mon, 17 Mar 2025 02:25:36 PM (IST)

HighLights
- होली पर्व के पांचवें दिन मनाने की है परंपरा।
- धूल पंचमी के नाम से भी इसे जानते हैं लोग।
- ढोलक की थाप पर गाएंगे फाग, झूमेंगे लोग।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। होली के उल्लास के बाद अब रंगपंचमी की तैयारियां जोरों पर हैं। इस वर्ष 19 मार्च को अंचल में रंगपंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। यह पर्व होली के पांचवें दिन आता है और विशेष रूप से बिलासपुर शहर सहित ग्रामीण अंचल में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
शहर के प्रमुख बाजारों में रंग, गुलाल, पिचकारियों और अन्य सामग्री की दुकानों पर फिर से भीड़ लगेगी। गोलबाजार, सिटी कोतवाली, शनिचरी बाजार और तेलीपारा में दुकानें सजेंगी। शहर के विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों द्वारा रंगपंचमी के अवसर पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
लोक कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य, संगीत और रंगारंग झांकियां प्रस्तुत की जाएंगी। स्थानीय समितियां मिलकर सड़कों पर रंगोत्सव का आयोजन करेंगी। जहां लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर पर्व का आनंद लेंगे।
बच्चों और युवाओं में खास उत्साह
बच्चों और युवाओं में रंगपंचमी को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। बच्चों में खासा उत्साह है। त्योहार के मद्देनजर बाजारों में रौनक बढ़ गई है। बिलासपुर में रंगपंचमी का पर्व सामाजिक समरसता, भाईचारे और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। शहर और ग्रामीण अंचल में इस पर्व की धूम देखते ही बनती है, जहां लोग मिलजुलकर रंगों के इस त्योहार का आनंद लेते हैं।
ग्रामीण अंचल में भी जोर-शोर से तैयारी
बिलासपुर के आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी रंगपंचमी का विशेष महत्व है। गांवों में इस दिन सामूहिक होली मिलन समारोह आयोजित किए जाते हैं। इसे धूल पंचमी भी कहा जाता है। जहां लोग ढोलक, मंजीरा और अन्य वाद्ययंत्रों के साथ फाग गीत गाते हैं। पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल बनता है।
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होली मिलन समारोह की धूम
रंगों के त्योहार होली की मस्ती अभी थमी नहीं है। शहर में विभिन्न संगठनों, संस्थानों और सामाजिक समूहों की ओर से होली मिलन समारोह का सिलसिला जारी है। इन आयोजनों में लोग आपसी भेदभाव भुलाकर एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर बधाइयां दे रहे हैं।
छत्तीसगढ़ बांगला अकादमी द्वारा टिकरापारा स्थित बंग भवन में 228वीं मासिक साहित्य संगोष्ठी का आयोजन होली मिलन एवं वसंत उत्सव के रूप में किया गया। इस दौरान कविता पाठ, समूह व एकल संगीत, नाटक, नृत्य एवं वसंत पर परिचर्चा जैसे विविध मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।
होली पर जेपी हाईट्स विकास समिति द्वारा शुभम विहार वार्ड 15 के पार्षद नितिन पटेल का भव्य नागरिक अभिनंदन किया गया। गोकुलधाम जेपी हाइट्स और शुभमविहार में संस्कार और संस्कृति को जीवंत रखते हुए तिलक और फूलों की होली धूमधाम से मनाई गई। इस उत्सव में रंगों की जगह परंपरागत रूप से फूलों और तिलक का प्रयोग किया गया, जिससे माहौल भक्तिमय और उल्लासपूर्ण बन गया।