Batting App: ‘लोग मेहनत से नहीं, शॉर्टकट से पैसा कमाना चाहते हैं’… बैटिंग एप पर हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

Author name

April 5, 2025


छत्तीसगढ़ कोर्ट ने पूछा है कि महादेव एप प्रकरण के बाद अब तक किन-किन एप्स पर कार्रवाई हुई है और कितने एप्स प्रतिबंधित किए गए हैं। हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाते हुए जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

By Arvind Dubey

Publish Date: Sat, 05 Apr 2025 01:45:37 PM (IST)

Updated Date: Sat, 05 Apr 2025 01:45:37 PM (IST)

Batting App: ‘लोग मेहनत से नहीं, शॉर्टकट से पैसा कमाना चाहते हैं’... बैटिंग एप पर हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
ऑनलाइन सट्टा ऐप पर हाई कोर्ट का सख्त रुख (सांकेतिक फोटो)

HighLights

  1. राज्य शासन से शपथ पत्र में मांगा जवाब
  2. केंद्र सरकार को भी जारी हुआ नोटिस
  3. अगली सुनवाई 6 मई को निर्धारित की गई

नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में तेजी से फैल रहे ऑनलाइन सट्टेबाजी एप्स के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अरविंद वर्मा की युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान गृह विभाग के सचिव, राज्य शासन और केंद्र सरकार से हलफनामे के जरिए जवाब मांगा है।

याचिका रायपुर निवासी सुनील नामदेव द्वारा अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से दायर की गई है। इसमें राज्य में संचालित विभिन्न ऑनलाइन बेटिंग एप्स की वैधता और उन पर की गई कार्रवाई पर सवाल उठाए गए हैं।

याचिकाकर्ता का कहना है कि राज्य शासन ने भले ही ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाया हो, परंतु कई एप्स आज भी खुलेआम चल रहे हैं, विशेषकर आईपीएल जैसे आयोजनों के दौरान इनका प्रचलन और अधिक बढ़ जाता है।

जनहित याचिका में यह भी मांग की गई है कि ऐसे एप्स की निगरानी के लिए एक स्थायी तंत्र गठित किया जाए ताकि भविष्य में युवाओं को इस अवैध गतिविधि से बचाया जा सके।

naidunia_image

आज का युग अलग, अच्छे-बुरे दोनों तरह के लोग…

  • कोर्ट ने स्पष्ट किया कि शासन यदि किसी विषय पर अनुमति देता है, तो उसकी निगरानी की भी पूरी जिम्मेदारी शासन की ही बनती है। चीफ जस्टिस ने टिप्पणी करते हुए कहा, आज का युग अलग है। अच्छे और बुरे दोनों तरह के लोग हैं। लोग मेहनत से नहीं, शार्टकट से पैसा कमाना चाहते हैं।
  • सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई उस बारीक रेखा को पार न करे, जो वैधता और अवैधता के बीच है। महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि शासन द्वारा कई वेबसाइट्स और एप्स को ब्लॉक किया गया है, जो लोगों को सट्टा लगाने के लिए प्रेरित करते हैं।
  • इस पर कोर्ट ने कहा कि जो एप्स अब भी राज्य में सक्रिय हैं, उन्हें भी चिन्हित कर नियमन की जरूरत है। मुख्य न्यायाधीश ने इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के उस हालिया निर्णय का भी हवाला दिया, जिसमें फर्जी विज्ञापनों और उनके गलत दावों पर सर्वोच्च अदालत ने संज्ञान लिया था। कोर्ट ने कहा कि जब लोग बिना श्रम के धन अर्जित करने के ऐसे प्रयासों में लिप्त होते हैं, तो यह समाज और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए चिंता का विषय बनता है।

एक बेटिंग एप बना पक्षकार

सुनवाई के दौरान एक ऐसे बेटिंग एप को भी पक्षकार बनाया गया है, जो फिलहाल राज्य में सक्रिय रूप से संचालित किया जा रहा है। कोर्ट ने इस एप के संचालन और कानूनी स्थिति पर भी जवाब तलब किया है।



Source link