मानसून के आगमन के साथ ही प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश होने लगी है। जिससे पूरे प्रदेश के औसत तापमान में कमी दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञनिकों का मानना है कि आने वाले दिनों में मानसून और मजबूत होगा। क्षेत्र में अच्छी बारिश होगी, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
By Roman Tiwari
Edited By: Roman Tiwari
Publish Date: Wed, 18 Jun 2025 08:06:13 AM (IST)
Updated Date: Wed, 18 Jun 2025 08:47:02 AM (IST)

HighLights
- प्रदेश में मानसून आगमन के साथ ही तापमान में गिरावट
- आने वाले दिनों में आद्रता बढ़ने और भारी बारिश की संभावना
- मौसम वैज्ञानिक के अनुसार, किसानों को इससे मिलेगा लाभ
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: मानसून के दस्तक के साथ ही प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में तापमान में राहत देखने को मिल रहा है। रायपुर बिलासपुर समेत प्रदेश के ज्यादातर भागों में बारिश हो रही है। जिससे तापमान में गिरावट देखी जा रही है। लोगों को गर्मी से राहत मिलती दिख रही है।
बता दें कि बिलासपुर क्षेत्र में सोमवार को कुछ स्थानों में हल्की बूंदाबांदी हुई। शहर में मौसम शुष्क बना रहा। मंगलवार को भी शहर का मौसम कुछ हद तक ऐसा ही बना रहा। वहीं बुधवार को हल्की बारिश होने की संभावना जताई जा रही है।
सोमवार और मंगलवार को शहर के आसमान में बादल उमड़ने के कारण भले ही गर्मी का असर नहीं हुआ लेकिन शाम को उमस ने खूब हलकान किया। त्वचा चिपचिपा सा लगने लगा। कूलर व पंखा से भी राहत नहीं था। मौसम विज्ञानियों की मानें तो अब वर्षा के गतिविधियों में तेजी आएगी। किसानों को लाभ होगा।
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मौसम पूर्वानुमान
- 18 जून बहुत हल्की से हल्की वर्षा व गरज-चमक की संभावना
मौसम वेधशाला के विज्ञानी डॉ.एचपी चंद्रा के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून उत्तर अरब सागर के कुछ और भाग, गुजरात के कुछ और भाग, विदर्भ के बचे भाग, मध्य प्रदेश के कुछ और भाग, छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्से, उड़ीसा के बचे हुए भाग, झारखंड के कुछ और भाग, गंगेटिक पश्चिम बंगाल के संपूर्ण हिस्से, उप हिमालयीन हिमालय पश्चिम बंगाल के बचे हुए हिस्से तथा बिहार के कुछ और भाग में पहुंच गया है।
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साथ ही उन्होंने बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा दिशा, इंदौर, पचमढ़ी, मालदा, अंबिकापुर, हजारीबाग, सुपौल है। दक्षिण पश्चिम मानसून को आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई है। एक निम्न दाब का क्षेत्र दक्षिणी पश्चिमी बांग्लादेश और उससे लगे गंगेटिक पश्चिम बंगाल के ऊपर स्थित है, इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती परिसंचरण 7.6 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है।