Good News: बिलासपुर स्टेशन देने जा रहा यात्रियों को सौगात, 392 करोड़ रुपये हो रहे खर्च

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June 16, 2025


छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्टेशन में इस समय काफी काम किया जा रहा है, जहां अब चार नए प्लेटफॉर्म बनेंगे। इन पुनर्विकास कार्यों पर लगभग 392 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। योजना के तहत यात्रियों के लिए 31 लिफ्ट एवं 21 एस्केलेटर जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं।

By Mohan Kumar

Edited By: Mohan Kumar

Publish Date: Mon, 16 Jun 2025 01:08:14 PM (IST)

Updated Date: Mon, 16 Jun 2025 01:09:17 PM (IST)

Good News: बिलासपुर स्टेशन देने जा रहा यात्रियों को सौगात, 392 करोड़ रुपये हो रहे खर्च
बिलासपुर जोनल स्टेशन में बनेंगे चार नए स्टेशन

HighLights

  1. बिलासपुर जोनल स्टेशन में बढ़ेंगे प्लेटफॉर्म की संख्या
  2. जोनल स्टेशन में बनाए जाएंगे चार नए प्लेटफॉर्म
  3. यात्रियों को मिलेंगी बेहतर सुविधाएं

नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर: जोनल स्टेशन में चार नए प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे। इनमें से नौ और 10 का निर्माण कार्य जारी है। वहीं भविष्य में दो अतिरिक्त प्लेटफॉर्म बनाने का फैसला लिया गया है, जिनकी मदद से झारसुगुड़ा की ओर से आने वाली ट्रेनें प्लेटफॉर्म नौ, 10 और 11 से होकर रेल ओवर मार्ग से गुजरते हुए उसलापुर रवाना होंगी। यह योजना स्टेशन पर क्रॉस मूवमेंट की समस्या को कम करेगी और रेल संचालन में गति और कुशलता लाएगी। इसके साथ ही यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और ट्रेनों की समयबद्धता में भी सुधार होगा।

वर्तमान में बिलासपुर स्टेशन पर आठ प्लेटफॉर्म कार्यशील हैं। प्लेटफॉर्म एक पर प्रतिदिन आठ दैनिक ट्रेनों के साथ-साथ नौ साप्ताहिक, द्विसाप्ताहिक और त्रिसाप्ताहिक ट्रेनों का संचालन होता है। लगभग एक डेढ़ साल पहले दुर्ग व रायपुर से कटनी की ओर जाने वाली कुछ ट्रेनें, जो कि प्लेटफॉर्म एक से संचालित होती थीं, उन्हें उसलापुर स्थानांतरित किया गया था। बिलासपुर स्टेशन पर प्लेटफॉर्म एक-पांच से थ्रू ट्रेनों का संचालन होता है। क्रॉस लाइन से मेन लाइन पर आने के लिए ट्रेनों को कई पॉइंट और क्रॉसिंग पार करनी पड़ती है, जिसमें समय लगता है।

ट्रेनों को करना पड़ता है काफी इंतजार

इस दौरान अन्य लाइनों की ट्रेनों को भी मेन लाइन में आने के लिए इंतजार करना पड़ता है, जिससे समयबद्धता प्रभावित होती है। कोचिंग ट्रेनों की लंबाई कम होती है, जबकि मालगाड़ियां लंबी होती हैं। यार्ड से ट्रेन मूवमेंट प्लान करते समय क्रॉस मूवमेंट, लूप लाइन की लंबाई एवं ट्रेन की लंबाई, इन सभी चीजों का ध्यान रखा जाता है। इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्लेटफॉर्म एक से डाउन दिशा की ओर और प्लेटफॉर्म दो एवं तीन से अप और डाउन दोनों दिशाओं की व प्लेटफार्म क्रमांक चार एवं पांच से मुख्यतः अप दिशा की ट्रेनें संचालित की जाती हैं।

प्लेटफॉर्म छह, सात एवं आठ का उपयोग आमतौर पर यहां से शुरू या समाप्त होने वाली ट्रेनों के लिए किया जाता है। यदि एक ही दिशा की एक से अधिक ट्रेनें एक साथ आती हैं तो उन्हें सुचारू संचालन के लिए अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर लिया जाता है। यहां प्लेटफॉर्म की संख्या बढ़ने से ट्रेनों के परिचालन में सुधार आएगा। इसे देखते हुए स्टेशन पुनर्विकास योजना में नए प्लेटफॉर्म के निर्माण को जोड़ा गया है।

प्रगति पर है यार्ड रीमॉडलिंग का कार्य

250 करोड़ रुपये की लागत से की जा रही यार्ड रीमाडलिंग बिलासपुर रेलवे स्टेशन से कटनी, नागपुर एवं झारसुगुड़ा की तीन प्रमुख दिशाओं में ट्रेनों का नियमित परिचालन होता है, जिससे स्टेशन पर क्रॉस मूवमेंट की संख्या अत्यधिक होती है और यह ट्रेनों की समयबद्धता को प्रभावित करता है। वर्तमान में बिलासपुर यार्ड में 25 से अधिक रेल लाइनें विद्यमान हैं और यात्री तथा माल यातायात को सुचारू रूप से संचालित बनाए रखने के लिए समय-समय पर यार्ड मॉडिफिकेशन जरूरी होता है। 250 करोड़ रुपये की लागत से यार्ड रीमॉडलिंग का कार्य किया जा रहा है, जिसमें इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग के लिए ईआई पैनल सिस्टम की स्थापना भी की जा रही है। सतत निगरानी कर संरक्षा और तकनीकी पहलुओं, कमियों की पहचान कर समाधान किया जाता है। विलासपुर स्टेशन हो रहा पुनर्विकास कार्य लगभग 392 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। योजना के तहत 31 लिफ्ट एवं 21 एस्केलेटर जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं।



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