Saas Bahu Case: मामला बिलासपुर हाई कोर्ट का है। निचली अदालत ने कहा था कि बहू को अनुकंपा से मिली नौकरी में से सास को हर महीने 10 हजार रुपए गुजारा-भत्ता देना होगा। हाई कोर्ट ने फैसला पलट दिया।
By Arvind Dubey
Publish Date: Mon, 26 May 2025 10:32:12 AM (IST)
Updated Date: Mon, 26 May 2025 10:32:12 AM (IST)

HighLights
- बहू को अनुकंपा नियुक्ति मिली सास ने मांगा था भरण-पोषण
- परिवार न्यायालय मनेंद्रगढ़ के फैसले को हाई कोर्ट ने किया रद
- हाई कोर्ट ने बहू को सास का भरण-पोषण देने से किया मुक्त
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर (Saas Bahu Case): हाई कोर्ट ने कहा है कि अनुकंपा नियुक्ति को मृतक कर्मचारी की संपत्ति नहीं माना जा सकता। इसलिए बहू को वेतन से सास का भरण-पोषण करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। इसी के साथ कोर्ट ने बहू को सास का भरण-पोषण देने से मुक्त कर दिया।
जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की डिवीजन बेंच ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति मृतक की व्यक्तिगत सेवा के एवज में दी जाती है। कोर्ट ने परिवार न्यायालय, मनेंद्रगढ़ के उस फैसले को रद कर दिया, जिसमें बहू को हर महीने सास को 10 हजार रुपये देने का आदेश दिया गया था।
पिता की मौत पर बेटे को, बेटे की मौत पर पत्नी को अनुकंपा
- एसईसीएल हसदेव के कर्मचारी भगवान दास की वर्ष 2000 में मृत्यु होने पर बड़े बेटे ओंकार को अनुकंपा नियुक्ति मिली, लेकिन कुछ वर्षों बाद उसकी भी मौत हो गई। उसकी पत्नी को केंद्रीय अस्पताल मनेंद्रगढ़ में अनुकंपा नियुक्ति दी गई।