12th anniversary of Jheeram incident | झीरम कांड की 12वीं बरसी: भूपेश बघेल बोले- झीरम को लेकर भाजपा का दोहरा रवैया, जिन्हें गोली लगी NIA ने उनसे पूछतांछ नहीं की – Raipur News

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May 25, 2025


झीरम हमले की 12वीं बरसी पर कांग्रेस नेताओं ने शहीद नेताओं को दी श्रद्धांजलि

झीरम घाटी नक्सली हमले की 12वीं बरसी पर कांग्रेस पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में कांग्रेसजनों ने शहीद हुए नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित किया। इस अवसर पर एआईसीसी महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने समेत कांग्रेस कार

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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि झीरम मामले में जांच को लेकर भाजपा सरकार दोहरी नीति अपना रही है। उन्होंने कहा कि जब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, तब हमने विशेष जांच टीम (SIT) बनाकर इस हमले की जांच शुरू कराई थी। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति भी मिली थी, फिर भी आज तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। एक तरफ कोल स्कैम, लीकर स्कैम, महादेव सट्टा मामले में इनकम टैक्स, ED, CBI, EOW जांच कर रही है। लेकिन झीरम जैसे बड़े मामले में केंद्र सरकार SIT की जांच को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक गई।

झीरम हमले की 12वीं बरसी पर राजीव भवन में कांग्रेस नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

झीरम हमले की 12वीं बरसी पर राजीव भवन में कांग्रेस नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

NIA ने सही ठंग से पूछताछ ही नहीं की

भूपेश बघेल ने कहा कि हमने अपने प्रथम पंक्ति के नेताओं को खोया है, उनकी 12वीं बरसी है। आज तक कि उनके हत्यारे और षड्यंत्रकारी पकड़े नहीं गए हैं। केंद्र में बैठी हुई सरकार ने हमारी जांच पर अड़ंगा लगाया। दरभा थाने में जिन नक्सली नेताओं के नाम थे, NIA की जांच रिपोर्ट में उनका नाम नहीं है ।

इससे NIA की जांच का स्तर समझ में आता है। जितने लोग उस घटना के दौरान मौजूद थे, जिन्हें गोलियां लगी उनसे आज तक NIA ने पूछताछ नहीं की। प्रधानमंत्री 2014 में चुनाव के दौरान जब धमतरी आए थे, तब उन्होंने कहा था कि 6 महीने के अंदर झीरम के सारे अपराधी जेल के भीतर रहेंगे। लेकिन आज तक दोषियों को सजा नहीं मिल पाई है।

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भय

भूपेश ने कहा कि हमारी सरकार ने जब एसआईटी का गठन किया। एनआईए ने फिर से जांच शुरू कर दिया और राज्य की एजेंसी की जांच को बाधित किया। कानूनन एनआईए मामले की फाइल जब तक राज्य को वापस नहीं करती, तब तक एसआईटी जांच शुरू नहीं कर सकती थी।

एनआईए ने भी एसआईटी की जांच को रोकने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया। बाद में हाईकोर्ट ने एनआईए की स्टे को खारिज कर दिया। एनआईए हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई, जहां सुप्रीम कोर्ट ने 21 नवंबर 2023 को एनआईए की याचिका को खारिज कर दिया। लेकिन तब तक राज्य में सरकार बदल गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राज्य की एसआईटी के जांच के रास्ते खुल गए। राज्य सरकार दरभा थाने में पीड़ित परिवारों की रिपोर्ट के आधार पर एसआईटी की जांच शुरू करें।

भूपेश बघेल ने कहा, झीरम मामले के 12 साल पूरे होने के बावजूद पीड़ितों के परिजनों और घायलों को न्याय नहीं मिला। भाजपा की सरकारों ने हमेशा झीरम की जांच को रोकने का प्रयास किया। झीरम हमले में कई घायलों और पीड़ितों और प्रभावितों से अब तक एनआईए ने बयान नहीं लिये हैं। यह आरोप पीड़ित और उनके परिजनों ने लगाया है। आखिर इतनी परदेदारी क्यों? किसको बचाने के लिये जांच को रोका जा रहा है? भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भय है कि झीरम का सच आने से उनके षड़यंत्र बेनकाब हो जाएंगे। मुझे दुख है कि सरकार में रहते केंद्र सरकार के अवरोध के कारण जांच नहीं हो पाई।

कांग्रेस के लिए बेहद पीड़ा का दिन

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि आज का दिन कांग्रेस के लिए बेहद पीड़ा का दिन है। हमने अपने नेताओं को खोया था। मैं शहीद नेताओं को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। आज भी छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है कि कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को घोर नक्सल इलाके में ही क्यों हटाया गया था? झीरम नरसंहार भाजपा के लिए उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा की गई चूक मात्र हो सकती है और उसकी तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया एक षड्यंत्र मात्र हो सकता है। कांग्रेस के लिए झीरम वह घाव है जो कभी नहीं भर सकता। यह घटना देश के लोकतंत्र के माथे पर लगा वह कलंक है, जो कभी नहीं मिट सकता।

ये मौजूद रहे

श्रद्धांजलि सभा में पूर्व सांसद छाया वर्मा, कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला, गिरीश दुबे, उधो वर्मा, पंकज शर्मा, ज्ञानेश शर्मा, विनोद वर्मा, महेन्द्र छाबड़ा, सुरेन्द्र शर्मा, धनंजय सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, सुरेन्द्र वर्मा, डॉ. अजय साहू, राम गिडलानी, चंद्रदेव राय, श्रीकुमार मेनन, शिवसिंह ठाकुर, आकाश तिवारी, एजाज ढेबर, सुनील बाजारी, सलाम रिजवी, दीपा बग्गा, कमलाकांत शुक्ला, दिलीप चौहान, पप्पू बंजारे, अविनय दुबे, बबीता नत्थानी, शब्बीर खान, आनंद मिश्रा, नवीन चंद्राकर, प्रशांत ठेंगड़ी, देवकुमार साहू, दिनेश शुक्ला, पिंकी बाघ, भुवनेश्वरी डहरिया, पुष्पराज वैद्य, अखिलेश जोशी, ओम श्रीवास, अनिल रायचुरा, शनाया परविन, सुंदर जोगी उपस्थित थे।



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