धमतरी नगर निगम में एमआईसी (म्युनिसिपल इन कमेटी) के सदस्यों की घोषणा
छत्तीसगढ़ के धमतरी नगर निगम में एमआईसी (म्युनिसिपल इन कमेटी) के सदस्यों की घोषणा कर दी गई है। नए चुने गए आठ सदस्यों में से 90 प्रतिशत सदस्य ग्रेजुएट हैं। इनमें दो महिला सदस्यों को भी शामिल किया गया है।
.
धमतरी नगर निगम प्रदेश का सबसे पुराना नगर निगम है। महापौर रामू रोहरा ने बताया कि सभी सदस्यों का चयन पार्षदों से विचार-विमर्श के बाद किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा संगठन के वरिष्ठ नेताओं से भी चर्चा की गई।
नए एमआईसी में चार नए और चार पुराने पार्षदों को जगह दी गई है। नए सदस्यों में कुछ ऐसे भी हैं, जो पहली बार पार्षद चुनकर आए हैं। इस चयन से कुछ पार्षदों में नाराजगी भी देखी जा रही है। इसके बाद शहर में सदस्यों को लेकर विभिन्न चर्चाएं होने लगी।
एमआईसी सदस्यों में सभी ग्रेजुएट हैं। सिर्फ एक पार्षद को छोड़कर। जिसमें से चार पार्षद नए हैं और चार पुराने पार्षद को एमआईसी में शामिल किया गया है।
एमआईसी गठन के बाद कुछ पार्षदों में नाराजगी
नई एमआईसी सदस्यों का चयन करते समय सामाजिक और जाति का आधार का भी ख्याल रखने का दावा किया जा रहा है। लेकिन एमआईसी गठन के बाद अंदर नाराजगी भी काफी ज्यादा है। यह नाराजगी भले खुलकर सामने नहीं आ रही है। लेकिन माना जा रहा है कि इसका असर सामान्य सभा की बैठकों में और नगर निगम के कामकाज में दिखाई दे सकता है।
दरअसल, कई ऐसे पार्षद चुनकर आए जो विशेष जाति और समाज के हैं और वह दो बार या दो से ज्यादा बार पार्षद चुने गए। माना जा रहा था कि ऐसे पार्षदों को एमआईसी में लिया जाएगा। लेकिन उनकी जगह पर पहली बार चुने गए पार्षदों को एमआईसी मेंबर बनाया गया। यही नाराजगी की पहली वजह है। साथ ही, एमआईसी सदस्यों में अहम विभागों का जिम्मा महापौर ने अपने करीबी माने जाने वालों को दिया है। इसके कारण भी कई पार्षद नाराज बताए जा रहे हैं।
होली के कारण सार्वजनिक नहीं हुई थी सूची
बताया जा रहा है कि MIC का गठन 13 मार्च को किया गया था, लेकिन 14 और 15 मार्च को होली होने के कारण इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। रविवार को आधिकारिक पत्र जारी कर इसकी घोषणा की गई।
MIC में नए और पुराने पार्षदों का मिला-जुला समावेश
मेयर इन काउंसिल के गठन में सभी समाजों के संतुलन का ध्यान रखा गया है, साथ ही पार्षदों की सीनियरिटी और अनुभव को देखते हुए यह नियुक्तियां की गई हैं। इसमें कुछ ऐसे पार्षद हैं जो दूसरी बार चुने गए हैं, जबकि चार नए पार्षदों को भी इसमें शामिल किया गया है।







