छत्तीसगढ़ में पुलिस अवैध रूप से रह रहे लोगों पर लगातार एक्शन ले रही है। खास कर दुर्ग पुलिस की STF (स्पेशल टास्क फोर्स) जिले में घुसपैठियों और उनके मददगारों पर कार्रवाई कर रही है। STF की टीम बीते चार दिन में भिलाई में रह रहे तीन बांग्लादेशी नागरिकों प
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इसी बीच 20 मई को बांग्लादेशी नागरिकों के मदद करने वाले हरेराम प्रसाद काे भी गिरफ्तार किया गया है। हरेराम पर बांग्लादेशी नागरिक को शरण दिलाने और कानूनी पहचान छिपाने में मदद का आरोप है। पूछताछ में आरोपी ने बांग्लादेशी नागरिकों को किराए में मकान देकर किराया वसूलने की बात स्वीकारी है।
आरोपी हरेराम प्रसाद ने किसकी मदद से बांग्लादेशी नागरिकों के दस्तावेज तैयार करवाए इसकी जांच पुलिस कर रही है। इससे पहले 16 मई 2025 को एसटीएफ ने बांग्लादेशी शहीदा खातुन उर्फ ज्योति रासेल और मोहम्मद रासेल शेख को पकड़ा था।

बांग्लादेशी नागरिक शहीदा खातुन उर्फ ज्योति रासेल और मोहम्मद रासेल शेख को मीडिया के सामने पेश करते हुए दुर्ग पुलिस के अधिकारी।

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी हरेराम प्रसाद।
निगरानी बदमाश है आरोपी
पुलिस के हत्थे चढ़ा बांग्लादेशी नागरिकों का मददगार हरेराम प्रसाद सुपेला थाना का निगरानी गुंडा है। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने बांग्लादेशी नागरिकों के साक्ष्य छिपाने पर कार्रवाई की है। सुपेला निरीक्षक के अनुसार आरोपी के खिलाफ जांच जारी है। जांच के बाद आरोपी के खिलाफ अन्य धाराओं के तहत भी केस दर्ज किया जाएगा।

रायपुर में पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिको की मदद करने के आरोप में टिकरापारा पुलिस ने सत्कार कम्प्यूटर सेंटर का संचालक मोहम्मद आरिफ को पकड़ा था।
छत्तीसगढ़ में मददगारों के खिलाफ यह दूसरी कार्रवाई
इससे पहले रायपुर के टिकरापारा में एटीएस और टिकरापारा पुलिस ने भी ऐसी कार्रवाई की थी। टिकरापारा इलाके में रहने वाले बांग्लादेशी मोहम्मद इस्माइल (27 साल), शेख अकबर (23 साल) और शेख साजन (22 साल) पर कार्रवाई करने के बाद उनके दस्तावेज बनाने वाले सत्कार कम्प्यूटर सेंटर का संचालक मोहम्मद आरिफ को पकड़ा था। इस केस में अभी भी एक आरोपी फरार है।