भीषण गर्मी के बीच रायपुर में पानी की कालाबाजारी सामने आई है। राजधानी में टैंकर माफिया सक्रिय हैं।
छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के बीच रायपुर निगम के 70 वार्डों में 35 से ज्यादा वार्डों का वाटर लेवल डाउन है। कई इलाके सूखा ग्रस्त हो गए हैं। इसमें रायपुर के सभापति सूर्यकांत राठौर का वार्ड भी शामिल है। इन सबके बीच पानी की कालाबाजारी जोरों पर चल रही है।
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रायपुर में टैंकर माफिया सक्रिय हैं। माफिया नगर निगम की टंकियों से पानी भरकर उसे 1400 से 2000 रुपए में बेच रहे हैं। किस तरह से टैंकर माफिया का सिंडिकेट चल रहा है? उनसे हुई बातचीत इस खास रिपोर्ट में पढ़िए:-

बड़ी कॉलोनियों में ज्यादा कीमत में भेजते हैं टैंकर
टैंकर माफिया कर्मचारियों से सांठ–गांठ कर नगर निगम के बोर से 200 से 500 का पानी खरीद रहे हैं। इसे आम जनता को 1400 से 2000 में बेच रहे हैं। बड़ी हाईप्रोफाइल कॉलोनियों में इन टैंकरों की कीमत 3 हजार तक लगाई जाती है।
पानी बेचने वाले टैंकर संचालक छोटा, मीडियम और बड़ा तीन कैटेगरी में टैंकर रखते हैं। इसी हिसाब से पैसा लिया जाता है।

पानी की कमी के चलते वार्डों में टैंकरों से सप्लाई।
पानी के साथ टैंकर का भी किराया
टैंकर माफिया पानी तो ज्यादा कीमत में बेच रहे हैं। इसके साथ ही आम जनता से अपने टैंकर का किराया भी वसूल रहे हैं। टैंकर माफिया ने इसे हेल्डिंग चार्ज नाम दिया है। जिन कॉलोनियों और घरों में स्टोरेज नहीं है, वहां पर एक दिन गाड़ी खड़ी करने के नाम पर 400 रुपए लिया जाता है।

पानी नहीं आने पर प्रदर्शन करते हुए रायपुर के निजी कॉलोनी के रहवासी।
नगर निगम मुफ्त में देता है टैंकर
जिन वार्डों में पानी की किल्लत है, वहां पर नगर निगम टैंकरों द्वारा पानी सप्लाई मुफ्त में करने का दावा अधिकारी कर रहे हैं। अफसरों का कहना है कि नगर निगम के पास कुल 71 पानी के टैंकर हैं। इसके अलावा 36 टैंकरों को किराए पर लिया गया है।

वर्तमान में केवल इन टैंकरों को ही निगम बोर से पानी भरने का निर्देश हैं। इनके अलावा अन्य किसी भी प्राइवेट टैंकर को भरा नहीं जा रहा है। इसकी मॉनिटरिंग करने के लिए सब इंजीनियर रैंक के अफसरों की ड्यूटी लगाई है।

रायपुर में कितने प्राइवेट टैंकर निगम के पास आंकड़ा नहीं
रायपुर में कितने प्राइवेट टैंकर संचालित हैं? इसका अधिकृत आंकड़ा रायपुर नगर निगम के अधिकारियों के पास नहीं है? विभागीय सूत्रों और टैंकर कारोबारियों के अनुसार हर जोन में एक दर्जन से ज्यादा प्राइवेट टैंकर कारोबारियों के पास है।
इनका टोटल करें तो रायपुर शहर में प्राइवेट टैंकरों की संख्या 120 से 140 के बीच है। ये टैंकर संचालक निगम के पानी से अपना कारोबार कर रहे हैं।

रायपुर में वाटर लेवल की स्थिति, भूजल विभाग के अनुसार
शंकर नगर: 2010 में 250 फीट पर गहराई में पानी मिल जाता था। 2015 में लगभग 350- 400 फीट गहराई में चला गया। आज की स्थिति में 600 से 850 फीट तक पानी मिल रहा है।
सिविल लाइन: 2010 में यहां 350-450 फीट नीचे पानी मिलता था। 2015 में 550 से 650 और वर्तमान में 800 फीट गहराई में पानी जा चुका है।
सड्डू: 2010 में 300 फीट गहराई पर पानी मिलता था। 2015 में पानी का स्तर 450- 550 फीट नीचे चला गया। 2024 में 650-700 फीट गहराई में चला गया है। अब सड्डू के कई इलाकों में 1100 से 1200 फीट नीचे भी पानी नहीं मिल रहा है।
राजेंद्र नगर क्षेत्र: 2010 में करीब 350 फीट गहराई में पानी मिल जाता था। 2015 तक 400 से 500 फीट पहुंच गया। 2024 में 500 से 700 फीट नीचे जलस्तर पहुंचा। अब 750 से 850 तक जलस्तर पहुंच गया।
सिलतरा-उरला क्षेत्र: 2010 में 450 फीट गहराई पर पानी मिल जाता था। 2015 में 550 फीट की गहराई पर पहुंच गया। 2022-24 में 800 से 1100 फीट गहराई में पानी मुश्किल से मिल पा रहा है।
भनपुरी: 2010 में 200 फीट गहराई पर पानी मिल जाता था। 2015 में 350 और 2024 में 650 तो वहीं अब 850 फीट गहराई में पानी चला गया।
मोवा: पिछले साल तक यहां 150 फीट पर पानी मिलता था, लेकिन इस साल 700 फीट पर पानी मिल रहा है।
देवपुरी-अमलीडीह क्षेत्र: 2010 में 150 फीट पर पानी मिल जाता था। 2015 में 400 और 2024 में 700 से 800 फीट गहराई पर चला गया है। अब 800-900 फीट में पानी मिल रहा है।
कचना क्षेत्र: साल 2010 में 150 फीट गहराई में पानी मिल जाता था। 2015 में 450 से 550 फीट गहराई में वर्तमान में 650 से 700 फीट गहराई में पानी मिल रहा है।
अवंति विहार: पहले यहां 300 फीट पर पानी होता था, अब 500-700 फीट चला गया।
निमोरा: यहां भी अभी पानी 500 फीट से ज्यादा की खुदाई पर पानी मिल रहा है।
शांति नगर: पहले 150-200 फीट पर पानी था अब 400 फीट नीचे है।

इन इलाकों में पानी की ज्यादा दिक्कत
रायपुर के दलदल सिवनी, खमतराई, उरला, भनपुरी, न्यू राजेंद्र नगर, फाफाडीह, तोर, सांकरा, गोदवारा, दलदल सिवनी, निमोरा आदि क्षेत्रों में भू-जल स्तर गिरने की समस्या सामने आ रही है।
वहीं इसके अलावा डंगनिया, रायपुरा, सुंदर नगर, अश्वनी नगर, सत्यम विहार, प्रोफेसर कालोनी, तात्यापारा, गीता नगर, चंगोराभाठा, लाखे नगर, पुरानी बस्ती, चौबे कालोनी, लक्ष्मी नगर, टिकरापारा, सदर बाजार, कंकाली पारा, बूढ़ापारा, छोटापारा और भाठागांव इलाके में पानी की समस्या ज्यादा है।