कोंडागांव में प्रसव पीड़ा में तड़पती गाय की सर्जरी कर बचाई जान
कोंडागांव जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पशु चिकित्सकों ने मानवता की अनूठी मिसाल पेश की है। जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर स्थित पदनार गांव में एक गाय को प्रसव पीड़ा में तड़पते देख डॉक्टरों ने तत्काल मदद का फैसला किया।
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वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. ढालेश्वरी के नेतृत्व में टीम ने खराब सड़कों और घने जंगलों को पार कर गांव तक पहुंची। गांव निवासी लखमु राम मडावी की गाय पिछले दो दिनों से प्रसव पीड़ा से जूझ रही थी। जांच में पता चला कि जनन नली के अत्यधिक संकरी होने के कारण बछड़ा बाहर नहीं आ पा रहा था और उसकी मौत हो चुकी थी।

सर्जरी के बाद गाय की जान बचाई
डॉ. कृष्ण कोराम, डॉ. अनिल और डॉ. चंदना की टीम ने जंगल में ही सिजेरियन ऑपरेशन करने का साहसिक निर्णय लिया। AVFO आलोक नेताम, संजीत, खेमराज और ग्रामीणों के सहयोग से सफल शल्यक्रिया की गई। मृत बछड़े को निकालकर गाय की जान बचाई गई।
सीमित संसाधनों और विषम परिस्थितियों के बावजूद चिकित्सकों ने अपनी जान की परवाह किए बिना यह जटिल ऑपरेशन किया। यह घटना दर्शाती है कि मानवीय संवेदनाएं और कर्तव्य के प्रति समर्पण किसी भी चुनौती से बड़ा होता है।
