पंडरी कपड़ा मार्केट में अधिकतर शॉप के ऊपर टीन शेड से अवैध निर्माण किया गया है।
हाल ही में रायपुर के पंडरी कपड़ा मार्केट की एक शॉप में आग लग गई। आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी। हादसे में करीब 50 लाख से ज्यादा का माल जलकर खाक हो गया। गनीमत ये रही की कोई जनहानि नहीं हुई। हादसे के पीछे फायर सेफ्टी की अनदेखी और अवैध निर्माण की बात
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भास्कर की टीम ने ग्राउंड पर जाकर पड़ताल की तो कई दुकानों में फायर फाइटर सिस्टम नहीं दिखे, पंडरी, गोलबाजार, सदर बाजार और शहर के अन्य मुख्य बाजारों में भी फायर सेफ्टी को इग्नोर किया गया है। यहां तक की रायपुर निगम की बिल्डिंग का फायर ऑडिट अब तक नहीं हो पाया है। शहर के प्रमुख कॉमर्शियल एरिए के शॉप आग से कितने सुरक्षित हैं इस रिपोर्ट में पढ़िए:-

पंडरी कपड़ा मार्केट में अधिकतर दुकानों के ऊपर टीन शेड से अवैध निर्माण किया गया है।
सबसे पहले पंडरी कपड़ा मार्केट के शॉप में आग लगने की वजह जाने
दरअसल, जिस शाॅप में आग लगी वो एक चार मंजिला इमारत का हिस्सा है। आग चौथे माले में ही लगी, जिसका 80% हिस्सा टिन शेड से बना हुआ था। निगम से इस चौथे माले को बनाने की परमिशन नहीं ली गई थी। यानी जिस फ्लोर पर आग लगी, वो लीगल नहीं था। पंडरी की लगभग बड़ी दुकानों की ऊपर वाली मंजिल टीन शेड से बनी हुई है, जो अवैध है।
इन्हें दुकानदार गोदाम के तौर पर उपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा पूरे मार्केट में तारों का जाल बिछा हुआ है। पार्किंग की पर्याप्त जगह नहीं होने के कारण लोग रोड पर ही गाड़ियां पार्क कर रहे हैं। अगर कोई हादसा हुआ तो स्थिति ये है फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आग बुझाने मार्केट के भीतर दाखिल ही नहीं हो पाएंगी।

पंडरी कपड़ा मार्केट स्थित इस चार मंजिला बिल्डिंग के ऊपर शेड से किए गए अवैध निर्माण पर लगी थी आग।

तंग गलियों और अवैध निर्माण के कारण आग लगने की घटनाओं में फायर ब्रिगेड मौके पर नहीं पहुंच पाएगी।
अब ग्राफिक में समझिए पंडरी कपड़ा मार्केट के किस हिस्से में आग का खतरा सबसे ज्यादा है…

पंडरी कपड़ा मार्केट में शॉर्ट सर्किट का सबसे ज्यादा खतरा
पंडरी कपड़ा मार्केट में छोटी-बड़ी करीब 2 हजार दुकानें हैं। मार्केट का एवरेज फूट फाल काउंट आठ से दस हजार के करीब है। त्योहार के सीजन में यही आंकड़ा दो से तीन गुना हो जाता है। बावजूद इसके ये मार्केट शहर में सबसे अधिक अनसेफ है। दरअसल, मार्केट के भीतर कई पुरानी दुकानें हैं।
जिनकी इमारत और उनमें की गई वायरिंग पुरानी हो चुकी हैं। जोकि अब दुकानदार कूलर की जगह एसी का उपयोग कर रहे हैं, पुराने तारों पर लोड बढ़ रहा है। जिसके चलते शॉट सर्किट का खतरा बढ़ा है। खतरा जानते हुए भी दुकानदारों ने अपने दुकानों में फायर सेफ्टी प्रोटोकॉल फॉलो नहीं किए हैं।
पार्किंग की जगह नहीं, रोड सकरी हो गई है
इसके अलावा पूरे मार्केट में आठ हजार लोगों के लिए सिर्फ दो ही पार्किंग एरिया बनाए गए हैं। इनमें एक हजार से ज्यादा गाड़ियां खड़ी नहीं हो सकती है। ऐसे में लोग अपनी गाड़ियां रोड पर पार्क कर देते हैं। इससे हो ये रहा है कि छह फीट की रोड का दायरा घटकर 3 से 4 फीट रह जाता है।
दुकानदारों ने मानी गलती, कहा– हमने ही पहल नहीं की
पंडरी कपड़ा मार्केट की बिगड़ी हुई स्थिति पर हमने कुछ दुकानदारों से बात की। बातचीत के दौरान व्यवसायियों ने खुद माना कि मार्केट में फायर सेफ्टी को लेकर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। न ही उन्होंने कभी इसके लिए पहल की है।



व्यापारी संघ बोला – दुकानों में व्यवस्था हम दुरुस्त करेंगे, निगम मार्केट की करे
मार्केट में फायर सेफ्टी को लेकर हमने थोक कपड़ा व्यापारी संघ के पदाधिकारियों से बात की। संघ के अध्यक्ष सरल मोदी ने कहा कि दुकानों की व्यवस्था दुरूस्त करने की जिम्मेदारी हमारी हैं। हम इंश्योर करेंगे कि सभी दुकानों में फायर फाइटर उपकरण हो।
लेकिन मार्केट में पार्किंग की व्यवस्था, अंडर ग्राउंड वायरिंग कराने की जिम्मेदारी निगम को लेनी होगी। इसके अलावा लंबे समय से खतरे को देखते हुए एक फायर सब स्टेशन की डिमांड भी हम कर रहे हैं। पंडरी में आग लगी तो गाड़ियों के आने तक अरबों का माल जल कर खाक हो चुका होगा।

सदर बाजार और गोल बाजार भी असुरक्षित
पंडरी के कपड़ा मार्केट के अलावा शहर के दो अन्य बड़े सदर और गोल बाजार भी सेफ नहीं है। यहां भी दुकानों में फायर सेफ्टी के प्रोटोकाल फॉलो नहीं हो रहे हैं। आधी सड़क घेरकर दुकानदारी की जा रही है। मार्केट के भीतरी हिस्सों में आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड की गाड़ियों की एंट्री लगभग नामुमकिन है।

पुरानी वायरिंग और अवैध निर्माण के कारण खतरा ज्यादा
पूरे मामले पर जिला अग्निशमन अधिकारी पुष्पराज सिंह ने हमें बताया कि हम समय-समय पर व्यापारियों को समझाइश देते हैं कि अवैध निर्माण या भंडारण न करें। इन चीजों से आग लगने का खतरा ज्यादा हैं। इसके अलावा शहर की दुकानों में पुरानी वायरिंग का होना बड़ी समस्या है। इससे शॉर्ट सर्किट का खतरा बढ़ता है।
वहीं कपड़ा मार्केट के गेट को व्यापारी अपने विज्ञापनों से लाद देते हैं। ऐसे में फायर डिपार्टमेंट के ट्रकों को इमरजेंसी के दौरान अंदर दाखिल होने में दिक्कत होती है। इस बारे में कई बार व्यापारियों को जानकारी दी गई है। मगर कोई मानने को तैयार नहीं। पंडरी में कई दफा आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं।

निगम कमिश्नर बोले –जल्द व्यवस्था सुधारेंगे
वहीं इस पूरे मामले पर निगम आयुक्त विश्वदीप ने कहा कि मार्केट एरिया में अवैध निर्माण की समस्या है। ये बात हमारे ध्यान में भी है। कोशिश की जा रही है कि इस तरह के निर्माण पर रोक लगाई जाए। कार्रवाई की जाएगी वहीं कपड़ा मार्केट में अंडर ग्राउंड वायरिंग के लिए जल्द ही एक कार्य योजना तैयार कर व्यवस्था सुधारी जाएगी।

ज्यादातर केस में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट
पंडरी मार्केट के हाल का इंसीडेंट हो या आग लगने के पुराने दूसरे केस। ज्यादातर मामलों में आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगती है। शॉर्ट सर्किट के मामले गर्मी के दिनों में बढ़ जाते हैं। ये आपके घरों में भी हो सकता है। शॉर्ट सर्किट की वजह और कैसे इससे बचा सकता है, अब ये भी जान लीजिए…

सर्किट में करंट की अधूरी जर्नी को कहते हैं शॉर्ट सर्किट
रायपुर NIT के इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ बैद्यनाथ बाग बताते हैं कि आमतौर पर दो तरह के वायर होते पहला मेन वायर जिसे फेज कहते हैं और दूसरा न्यूट्रल। जैसे ही हम स्विच ऑन करते हैं, मेन वायर के जरिए करंट किसी इलेक्ट्रिक डिवाइस तक पहुंचता है और न्यूट्रल के जरिए वापस स्विच बोर्ड तक आता है।
करंट के इस फ्लो को सर्किट कहते हैं। जब करंट का फ्लो अधूरा रहता है यानी करंट सीधे डिवाइस तक न पहुंचकर सीधे ही न्यूट्रल वायर में ट्रांसफर हो तो इसे शॉर्ट सर्किट कहते हैं। आसान भाषा में कहें तो जिस करंट को पूरा चक्कर लगाकर वापस आना है, वो बीच रास्ते से लौट आ रहा है। इससे लोड बढ़ता है और आग लग जाती है।

शॉर्ट सर्किट के कारण
आमतौर पर लोग MCB तो ऐसे लगाते हैं, जिनकी लोड क्षमता ज्यादा हो। मगर इसकी तुलना में वायर क्वालिटी लो रहती है। इससे होता ये है कि वायर ज्यादा हीट होने के बाद भी MCB नहीं गिरती। इसके कारण वायर पिघलता है और शॉर्ट सर्किट हो जाता है।

वायर की क्वॉलिटी पर ध्यान देना जरुरी
जब भी फ्यूज उड़े या MCB गिरे तो वायर बदलने पर ध्यान देना चाहिए। लोग वायर बदलने की जगह फ्यूज के वायर को मोटा कर देते हैं। ये गलत प्रैक्टिस है। सलाह यही है कि एक समय के बाद वायर चेंज करते रहें। उन वायरों का उपयोग करें, जिसका इंसुलेशन फायर प्रूफ होता है। यह शॉर्ट सर्किट के बाद भी चिंगारी को फैलने से रोकता है।