कोरबा में एक एम्बुलेंस चालक के साथ मालिक और उसके साथियों ने अमानवीय व्यवहार किया। एसईसीएल क्षेत्रीय कार्यालय के पास खड़ी एम्बुलेंस में आग लगने के बाद मालिक दिनेश चौरडिया और उसके साथी खुद को पुलिसकर्मी बताकर दादर खुर्द निवासी अरुण पटेल के घर पहुंचे।
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अरुण को जबरन चार पहिया वाहन में बैठाकर जंगल ले गए। वहां उसकी पिटाई की और जबरन कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवाए। आरोपियों ने उसका मोबाइल भी बंद कर दिया। पीड़ित के शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं। मामला मानिकपुर चौकी का है।
पीड़ित ने बताया कि वह कई महीने तक एम्बुलेंस चलाता था। पेमेंट नहीं मिलने पर उसने काम छोड़ दिया। इसके बाद से मालिक के साथ विवाद चल रहा था। मालिक ने उस पर एम्बुलेंस में आग लगाने का आरोप लगाया। हालांकि अरुण ने काम छोड़े तीन-चार महीने हो चुके हैं।

पीड़ित के शरीर पर कई जगह चोट के निशान हैं।
पुलिसकर्मी बताकर जंगल ले गए
अरुण की भाभी नम्रता पटेल ने बताया कि वह घर पर काम कर रही थीं। इसी दौरान कुछ लोग आए और खुद को पुलिसकर्मी बताकर अरुण को ले गए। देर शाम एम्बुलेंस मालिक से फोन पर बात हुई। अरुण डरा-सहमा हुआ था। रात में घर लौटने पर उसने पूरी घटना बताई।

एम्बुलेंस को आग के हवाले किया
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पीड़ित ने मानिकपुर चौकी में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने एम्बुलेंस जलने का मामला दर्ज किया है। अरुण के साथ हुई घटना पर भी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पीड़ित और उसके परिवार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।