छत्तीसगढ़ तकनीकी कर्मचारी संघ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV) ने आज विरोध प्रदर्शन किया। विश्वविद्यालय प्रशासन की भेदभावपूर्ण नीतियों का विरोध जताया। 15 दिनों के भीतर समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
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तकनीकी कर्मचारी संघ के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कर्मचारी शामिल हुए। कर्मचारी संघ ने बताया कि, विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से लगातार कर्मचारियों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।

पेंशन और सामाजिक सुरक्षा से वंचित करना: KVK कर्मचारियों को NPS/OPS जैसे मूलभूत लाभों से अनुचित तरीके से वंचित किया गया है।
मेडिकल और बाकी भत्तों की समाधिः बिना किसी सूचना के मेडिकल भत्ते रोक दिए गए। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
कैरियर उन्नयन योजना (CAS): योग्य कर्मचारियों को पदोन्नति और वेतन वृद्धि से अनुचित रूप से रोका गया है।
विश्वविद्यालय के नियमों के विपरीत KVK कर्मचारियों को 60 साल की आयु में ही सेवानिवृत किया जा रहा है, जबकि अन्य कर्मचारियों के लिए यह सीमा 62/65 साल है।
सेवानिवृत्ति के बाद लाभों की अनदेखीः पेंशन, ग्रेच्युटी और चिकित्सा सुविधाएं जैसे अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं।
कर्मचारी संघ की मांग
- KVK कर्मचारियों को विश्वविद्यालय के समकक्ष पदों के समान सेवा लाभ प्रदान किए जाएं।
- NPS/OPS, मेडिकल भत्ते और CAS योजना को तुरंत बहाल किया जाए।
- सेवानिवृति आयु को 63/65 साल किया जाए।
- सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन ग्रेच्युटी और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएं।

तकनीकी कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी कि जब तक इन संवैधानिक मांगों का समाधान नहीं होता, तब तक विश्वविद्यालय की तरफ से की जा रही अस्थायी नियुक्तियां अवैधानिक मानी जाएंगी। प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन के सामने धरना दिया और नारेबाजी की।
संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि, यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।