छत्तीसगढ़ में 65 साल की बुजुर्ग को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। रायगढ़ की रहने वाली ध्याना बाई बरेठ परेशान हैं। चक्रधर नगर इलाके में शनि मंदिर के पास वे अपनी जिंदगी सड़क पर बिताने को मजबूर है। वृद्धा पेंशन में मिलने वाली राशि से
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इस उम्र में जैसे-तैसे ट्रेन से रायपुर पहुंचती है। छत्तीसगढ़ के मंत्रियों के बंगले जाती हैं, कभी कोई कह देता है, मंत्री बाहर हैं, तो कभी गेट से ही बगैर कुछ कहे इन्हें लौटा दिया जाता है। ध्याना बाई चाहती हैं कि इन्हें जीते जी सरकार एक मकान दे दे। ताकि यह अपना बुढ़ापा बिता सकें, बुजुर्ग ने यह तक कहा है कि मेरी मौत के बाद वह मकान सरकार वापस ले ले यही मेरी अंतिम इच्छा है।

रायगढ़ से रायपुर आकर सड़क किनारे रहकर और स्टेशन के पास सोकर मंत्रियों के बंगलों के चक्कर काटने को मजबूर बुजुर्ग।
सालों पहले पति ने मारपीट कर छोड़ दिया
रायगढ़ नगर निगम के दफ्तरों के कई चक्कर लगा चुकी ध्याना बाई बेहद परेशान हैं। पिछले साल आवास योजना में इन्हें मकान आवंटित हुआ मगर 2 लाख 73000 जमा करने की शर्त थी। इतनी बड़ी रकम न देने की वजह से मकान नहीं मिला। इस वजह से देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश सरकार के मंत्रियों से यह बुजुर्ग गुहार लगा रही है।
सालों पहले पति ने मारपीट कर छोड़ दिया, तब से सड़क पर रह रही हैं। कभी चोर-उचक्के उनके बैग को टटोलते हैं तो कभी यह बुजुर्ग सड़क पर छेड़छाड़ का शिकार भी होती रही है। कहती है की मजदूरी करने जम्मू कश्मीर भी गई थी वहां बस स्टैंड पर उनके गहने और रुपए चोरी हो गए, जो बची-खुची चीजें थी वह पुलिस ने वसूल ली, बड़ी मुश्किल से खुद को बचाकर वापस छत्तीसगढ़ पहुंची।
मूलत: रायगढ़ की ही रहने वाली इस बुजुर्ग ने अब जिंदगी में मकान की आस को ही अपना संघर्ष बना लिया है। 1 साल से रायगढ़ और रायपुर के बीच चक्कर काट रही इस महिला की मदद को कोई आगे अब तक नहीं आया है। बार-बार नगर निगम के दफ्तर जाने पर अफसर भी चिड़चिड़ा जाते हैं, और बुजुर्ग को भगा देते हैं।
आवास में नाम आया मगर पैसे नहीं दे पाईं
ध्याना बाई के पास नगर निगम रायगढ़ की एक चिट्ठी है जिसमें लिखा है- नगर पालिका निगम रायगढ़ क्षेत्र के प्रधानमंत्री आवास योजना मोर मकान मोर आस के तहत निर्मित परियोजना स्थल चंद्रनगर के लिए लाटरी पद्धति के माध्यम से उपस्थित आवेदकों के द्वारा आवास का चयन का कार्य संपन्न किया गया। जिसमें आपका (ध्याना बाई) नाम के पर्ची के अनुसार आपको परियोजना स्थल चंद्रनगर के ब्लॉक डी के तल क्रमांक सेकेंड मकान नंबर 23 का चयन हुआ है।

निगम ने रुपए जमा करने की चिट्ठी भेजी थी।
पत्र में आगे लिखा है- जिसके लिए निर्धारित राशि 2 लाख 73000 को एक मुश्त बैंक या फाइनेंस अन्य माध्यम से निकाय के निगम कोष में 30. 8.24 तक जमा करना है। उपरोक्त मूल्य आवंटित भवन का यथास्थाई में आधिपत्य प्राप्त करने का है। आपके द्वारा निर्धारित तिथि तक निर्धारित राशि जमा नहीं किया जाता है तो आप चयनित आवास के लिए लेने इच्छुक नहीं है, यह मानते हुए आपके द्वारा चयनित आवास को निरस्त कर दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री और सरकार के मंत्रियों के नाम चिट्ठी लिख चुकी है बुजुर्ग।
PM-CM डिप्टी CM को भेजा पत्र
ध्याना बाई के बैग में उम्मीद से भरी चिट्ठियां हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, अरुण साव को लिखी गई हैं। वृद्धा पेंशन के सहारे जिंदगी जी रही हूं, मकान के बदले मुझ से 2 लाख 73 हजार रुपए मांगे गए, इसे किसी और निधि या मद के द्वारा सरकार जमा करवा दे, मुझे मकान मिल जाए, इससे मैं अपनी वृद्धावस्था आगे ठीक तरह से कट सकूं।

सरकारी दफ्तरों और मंत्रियों के बंगलों से यूं मायूस होकर लौट जाती है ये बुजुर्ग।