स्कायवॉक को लेकर पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने भास्कर से कई बातें कही।
रायपुर में स्कायवॉक के अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा। PWD मंत्री रहते हुए राजेश मूणत, यह प्रोजेक्ट लेकर आए थे। शनिवार को उन्होंने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में इस प्रोजेक्ट को लेकर दैनिक भास्कर से बातचीत की। भास्कर ने मूणत से स्कायवॉक से जुड़े
.
मूणत ने कहा- पूर्व CM भूपेश बघेल को मुझसे कुछ ज्यादा ही मोहब्बत हैं। इस वजह से उन्होंने इस काम को रोका और विरोध किया। भ्रष्टाचार के आरोप लगाए लेकिन खुद कांग्रेस सरकार की बनाई हुई कमेटियों ने बताया कि स्कायवॉक उपयोगी है। EOW ने क्लीनचिट दी कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। जनता के बीच चर्चित सवालों पर मूणत के जवाब उन्हीं के शब्दों में पढ़िए:-

सरकारी सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 25 हजार से अधिक लोग रोजाना इस सड़क पर पैदल चलते हैं।
सवाल- स्कायवॉक बनाने का आइडिया कहां से आया, इसके जन्म के पीछे की कहानी क्या है? जवाब- शास्त्री चौक से लेकर जयस्तंभ चौक और दूसरी तरफ जेल चौराहे तक हैवी ट्रैफिक होता है। कई दुर्घटनाएं हुईं। यहां ट्रैफिक मैनेजमेंट पर स्टडी की गई। 2016 में सर्वे हुआ तो पता चला यहां हर रोज 25 हजार लोग चल रहे हैं। यहां फ्लाईओवर बनाने का सुझाव आया, मगर इसके बनने से शहर दो भागों में बंट जाता।
तो पैदल आबादी के लिए स्कायवॉक बनाना तय हुआ। कैसे बनेगा, डिजाइन क्या होगा, इसे लेकर तीन प्रेजेंटेशन रायपुर में हुए। तब की महापौर डॉक्टर किरणमई नायक, ग्रामीण के विधायक सत्यनारायण शर्मा, नगर निगम में सभापति रहे प्रमोद दुबे, निगम के कमिश्नर और कलेक्टर यातायात के अधिकारी सभी ने प्रेजेंटेशन देखा और उसमें अपने सुझाव भी दिए।
शहर के डेवलपमेंट के विजन के साथ सरकार की प्रक्रियाओं का 101% पालन किया गया और 2016-17 में बजट में प्रावधान करके इस प्रोजेक्ट काे स्वीकृति मिली। मगर 2018 में सरकार बदलने के बाद कांग्रेस ने इस प्रोजेक्ट को रोका।

सवाल- इसका इस्तेमाल क्या है, कौन ऊपर चढ़कर पैदल चले ये बात हर जगह आम आदमी पूछ रहा है ? जवाब- पुराने बस स्टैंड पर मल्टीलेवल पार्किंग बनी है। यहां गाड़ी लगाकर स्कायवॉक से पैदल चलकर आदमी शहीद स्मारक पहुंच सकता है। इसके बाद तहसील ऑफिस, कलेक्टोरेट, रजिस्ट्री कार्यालय, DKS अस्पताल और अंबेडकर अस्पताल तक जा सकता है। इन जगहों को स्कायवॉक से जोड़ा गया है। इसमें एस्केलेटर लगाए जाने का प्रावधान आसानी से व्यक्ति ऊपर चढ़कर इन काम की जगहों पर आसानी से पहुंचेगा, हैवी ट्रैफिक में जूझना नहीं पड़ेगा।
सवाल- नवा रायपुर चले जाएंगे सरकारी दफ्तर तब क्या उपयोगिता बचेगी स्कायवॉक की ? जवाब- समय की मांग के अनुसार सरकार निर्णय करती है। अभी बहुत बड़े-बड़े प्रोजेक्ट आ रहे हैं रायपुर में। जनता को बहुत सुविधा होगी स्कायवॉक से। ये मुंबई, दिल्ली, बैंगलोर, नागपुर में बने हैं। सभी जगह लोगों को सहुलियत हो रही है।

सवाल- कांग्रेस ने विरोध किया, भूपेश बघेल सरकार ने काम रोक दिया, ऐसा क्यों ? जवाब- कांग्रेस के जनप्रतिनिधि तो प्रोजेक्ट के शुरुआती प्रेजेंटेशन में साथ ही थे। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश का प्रेम-मोहब्बत मेरे प्रति थोड़ा ज्यादा है, उन्होंने तो EOW को भ्रष्टाचार की जांच के लिए कहा। वहां से क्लिनचिट मिल गई, कोई गड़बड़ी नहीं थी।
मैंने तो तब चुनौती भी दी थी कि किसी रिटायर जज से जांच करवा लिजिए। उन्हीं के तब के विधायक सत्यनारायण शर्मा की कमेटी ने कह दिया था, कि इस प्रोजेट को पूरा करना चाहिए। कुछ गड़बड़ी थी तो कांग्रेस की 5 साल सरकार थी, भूपेश बघेल को इसे तोड़ने का निर्देश दे देना चाहिए था न, किसने रोका था। कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बता दें कि कोई एक काम रायपुर की जनता के लिए किया हो तो।
सवाल- कांग्रेस कह रही है फिर से इसे बनाने में 104 करोड़ का खर्च आएगा, कितने खर्च होंगे ? जवाब- कांग्रेस के लोग जबरदस्ती लाठी चलाए जा रहे हैं। कुल 77 करोड़ का यह प्रोजेक्ट था। 45 करोड़ का काम हो चुका है जो बचा हुआ काम है वह 37 करोड़ 75 लाख का स्वीकृत हुआ है। नए बदलाव करने की वजह से कॉस्ट बढ़ी है, इसकी जिम्मेदार कांग्रेस ही है जिसने इस काम को पूरा नहीं किया।

सवाल- इस प्रोजेक्ट कि तो EOW में शिकायत हुई थी कांग्रेस शासन काल में ? जवाब- आरपी सिंह नाम के कांग्रेस के पेड कार्यकर्ता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आवेदन दिया था। मैंने पहली बार देखा सीधे FIR करने की बात लिखी थी, मुझे तो हंसी आई। जब ये प्रोजेक्ट बना तो अफसर वही थे जो इनकी सरकार में थे। टेक्निकल रिपोर्ट कांग्रेस सरकार के पास थी, प्रशासनिक स्वीकृति की फाइलें कांग्रेस सरकार के पास थीं, सरकार में कांग्रेस बैठी थी, सच को किस बात का डर ? EOW ने क्लीन चिट दी, कहा कि इसमें किसी प्रकार का कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ।
सवाल- क्या स्कायवॉक आपके दिल के करीब है, आप इसे लेकर एक्शन में रहते हैं ? जवाब- जनता से जुड़ा हर काम मेरे दिल के करीब है, हमने अपने कार्यकाल में कमल विहार, दीनदयाल ऑडिटोरियम, एस्ट्रोट्रफ, रविशंकर विश्वविद्यालय के स्टेडियम, कैनाल रोड, अंडर ब्रिज बनाए हैं। कांग्रेसियों की तरह नहीं कि सिर्फ अपनी फोटो लगवाईं और चले गए। जनता से जुड़े काम मेरे नहीं बल्कि जनता के अनुरूप होने चाहिए। समय की मांग को समझते हुए शहर को सुंदर और व्यवस्थित बनाने का काम हम करते रहेंगे।
