More than three thousand families are facing problems everyday | तीन हजार से ज्यादा परिवार रोज हो रहे परेशान: शहर की सबसे हाईटेक कॉलोनी बनाने का दावा किया, लेकिन जरूरी सड़कें तक नहीं बनीं, 10 साल बाद भी सेक्टरों में अंधेरा – Raipur News

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March 23, 2025



करीब 10 साल पहले पुरानी और नई धमतरी रोड के चारों ओर 1600 एकड़ से ज्यादा की जमीन पर राजधानी की सबसे हाईटेक कॉलोनी कमल विहार (कौशल्या विहार) बनाने का दावा किया गया। नवा रायपुर के बाद रायपुर शहर का यह पहला ऐसा प्रोजेक्ट था जिसमें अंडरग्राउंड केबलिंग और

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अभी तीन हजार से ज्यादा परिवार कमल विहार के अलग-अलग सेक्टरों में रह रहे हैं। लेकिन दस साल बाद भी लोगों को बिजली, पानी और सड़क की बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। स्ट्रीट लाइट नहीं जलने की वजह से रात में अंधेरा छाया रहता है। जिसकी वजह से चोरी और लूटपाट की घटनाएं इतनी बढ़ गई कि पुलिसवालों को वहां चौकी तक खोलनी पड़ी।

सेक्टरों के अंदर की सड़कें इतनी बदहाल हैं कि वहां चलना मुश्किल हो रहा है। पॉश कॉलोनी के नाम पर यहां बाहर की सड़कों को बनाया गया, लेकिन मेंटनेंस के अभाव में अब वो भी उखड़ रही हैं। यहां रहने वाले लोग कहने लगे हैं कि वे मकान बनाकर पछता रहे हैं। उनकी समस्या को सुनने वाला तक कोई नहीं है।

अंडरग्राउंड सिस्टम ही मुसीबत की जड़ बन गई कमल विहार के लोगों का कहना है कि अंडरग्राउंड बिजली और ड्रेनेज सिस्टम ही अब परेशानी की जड़ हो गई है। बिजली का सिस्टम फेल होने के बाद बिजली कंपनी ने इसे ठीक करने 30 करोड़ का खर्चा बता दिया। आरडीए वालों ने देने से इंकार कर दिया। अंडरग्राउंड बिजली सिस्टम बनाने वाली एलएंडटी कंपनी के मेंटनेंस की अवधि भी 2014 में पूरी हो गई। इसी तरह लालपुर, देवपुरी और डूंडा की ओर से आने वाली गंदगी और पानी के बहाव की वजह से अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम भी चोक होता जा रहा है। गंदगी सड़कों फैल रही है।

निगम को हैंडओवर करना है, 125 करोड़ कौन दे? राजधानी की सबसे बड़ी सरकारी कॉलोनी (कौशल्या विहार) में रहने वाले लोगों को जरूरी सुविधाएं नहीं मिलने के बाद फैसला लिया गया कि इस कॉलोनी को रायपुर नगर निगम को हैंडओवर कर दिया जाएगा। रायपुर विकास प्राधिकरण कॉलोनी हैंडओवर करने को तैयार भी हो गया। लेकिन निगम ने जस की तस हालात में कॉलोनी लेने से इंकार कर दिया। मेंटेनेंस के लिए 125 करोड़ मांगे गए। इसके बाद ही से मामला विवादों में घिर गया। फाइल के ऊपर फाइल चली, लेकिन फैसला कुछ भी नहीं हुआ।

नाम बदला, लेकिन परेशानी जस की तस भाजपा-कांग्रेस की राजनीति के चलते कमल विहार का नाम बदलकर कौशल्या विहार कर दिया गया। कॉलोनी का नाम तो बदला, लेकिन परेशानी अब भी जस की तस हैं। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि हल्की सी तेज हवा या बारिश होने पर बिजली बंद हो जाती है। अभी पिछले हफ्ते ही शहर का मौसम खराब हुआ तो लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा। कमल विहार के हर सेक्टर की स्ट्रीट लाइटें हमेशा बंद रहती हैं। रात में लोगों को अंधेरे में आना-जाना करना पड़ता है। ज्यादा रात होने पर लोग घरों से भी निकलने में डरते हैं।

कौशल्या विहार में जो भी कमियां हैं उसे दूर कर रहे हैं। बिजली के नए कामों के लिए मंजूरी मिल चुकी है। कई काम पूरे भी हो गए हैं। जो सड़कें खराब हैं उन्हें भी ठीक करवा देंगे। वहां रहने वाले लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी। -कुंदन कुमार, सीईओ आरडीए



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