
विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सरगुजा, ममता पटेल की अदालत ने नागरिक आपूर्ति निगम सूरजपुर के तत्कालीन सहायक प्रबंधक रविंद्रनाथ सिंह (63) को पांच वर्ष कारावास तथा 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। एसीबी के छापे में तत्कालीन प्रबंधक के प
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जानकारी के मुताबिक, एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सूरजपुर में पदस्थ तत्कालीन नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन सहायक प्रबंधक रविंद्रनाथ सिंह के अंबिकापुर बौरीपारा स्थित निवास पर 12 फरवरी 2015 को छापा मारा था। छापे के दौरान कुल 7 लाख 16 हजार रुपये नकद, आभूषण तथा अचल संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए थे। एसीबी ने तत्कालीन प्रबंधक के पास एक करोड़ 41 लाख रुपये की संपत्ति का आंकलन किया था।
आय से अधिक संपत्ति का मामला हुआ था दर्ज मामले में एसीबी ने ज्ञात स्रोतों से प्राप्त आय से अधिक संपत्ति मिलने पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13(1)(ई), 13(2) के तहत तत्कालीन प्रबंधक रविंद्रनाथ सिंह के खिलाफ अपराध दर्ज किया था। एसीबी ने उनके भतीजे सुधीर कुमार सिंह को भी सह आरोपी बनाया था। सुधीर कुमार सिंह को फरार घोषित कर एंटी करप्शन ब्यूरो ने अदालत में आरोपी रविंद्रनाथ सिंह के विरुद्ध अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था।
विशेष न्यायाधीश की अदालत ने सुनाई सजा मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ममता पटेल की अदालत ने नागरिक आपूर्ति निगम सूरजपुर जिले के तत्कालीन सहायक प्रबंधक रविंद्रनाथ सिंह को पांच वर्ष कारावास तथा 10 हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। रविंद्रनाथ सिंह के भतीजे सुधीर कुमार सिंह के विरुद्ध स्थाई गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।