Raipur Chhattisgarh CAG report Chhattisgarh Raipur Korba Municipal Corporation irregularities | CAG रिपोर्ट में खुलासा: कोरबा नगर निगम ने ठेकेदारों-काॅलोनाइजर को करोड़ों का फायदा पहुंचाया गया, 370 करोड़ की गड़बड़ी का शक – Raipur News

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March 19, 2025



छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को महालेखाकार (CAG) की रिपोर्ट पेश की गई। ये रिपोर्ट प्रदेश के नगरीय निकायों के फाइनेंशियल ऑडिट पर आधारित थी। रिपोर्ट में सबसे ज्यादा गड़बड़ी कोरबा नगर निगम की पाई गई है। ये रिपोर्ट 2016 से 2022 के बीच शहरी निकायों में हु

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रिपोर्ट में बताया गया है कि ठेकेदारों और कॉलोनाइजरों को फायदा पहुंचाने की वजह से निकायों की वित्तीय स्थिति कमजोर बनी रही। कचरा प्रबंधन में भी गंभीर लापरवाहियाँ पाई गईं। महालेखाकार ने बताया कि स्थानीय निकायों में कचरे के संग्रहण, पृथक्करण और प्रसंस्करण के लिए आवश्यक मानव संसाधन नहीं थे। इससे स्वच्छता व्यवस्था चरमरा गई और शहरी क्षेत्रों में गंदगी की समस्या बढ़ती गई।

कोरबा निगम को लेकर CAG की शॉर्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉलोनाइजरों को 1.54 करोड़ रुपये का अनुचित वित्तीय लाभ दिया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए वैकल्पिक भूमि हस्तांतरण में गड़बड़ी कर कॉलोनाइजरों को 1.54 करोड़ रुपये का अनुचित वित्तीय लाभ दिया गया।

कोरबा नगर निगम में तीन कॉलोनाइजरों से 75.77 लाख रुपये की राशि कम वसूली गई, जिससे सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचा। इसी तरह, एक ठेकेदार को प्री-स्ट्रेस्ड सीमेंट पाइप्स की आपूर्ति के लिए ऊंची दरों पर भुगतान किया गया, जिससे सरकार को 7.88 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय उठाना पड़ा। रिपोर्ट में कहा गय है कि बिना योजना और आवश्यकता के 370 करोड़ रुपये की खरीदारी की गई।

कैग रिपोर्ट की मुख्य बातें 1. 370 करोड़ रुपये की अनियमित खरीदी राज्य के कई स्थानीय निकायों ने बिना किसी योजना या वास्तविक आवश्यकता के 370 करोड़ रुपये की सामग्री और सेवाओं की खरीद की। यह वित्तीय कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार की ओर संकेत करता है।

2. EWS भूमि का दुरुपयोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आवंटित भूमि का गलत तरीके से उपयोग किया गया। इस प्रक्रिया में एक कॉलोनाइजर को 1.54 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ मिला, जिससे यह स्पष्ट होता है कि गरीबों के लिए निर्धारित संसाधनों का दुरुपयोग हुआ।

3. कोरबा नगर निगम में अनियमित भुगतान कोरबा नगर निगम ने एक ठेकेदार को 7.88 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया। यह वित्तीय नियमों के उल्लंघन का मामला है, जिससे सरकारी फंड का दुरुपयोग स्पष्ट होता है।

4. 1613 वित्तीय आपत्तियां दर्ज राज्य के 137 स्थानीय निकायों के ऑडिट में 1613 वित्तीय आपत्तियां दर्ज की गईं। यह दर्शाता है कि स्थानीय निकायों में पारदर्शिता और जवाबदेही की गंभीर कमी है।

5. पंचायतों को वित्त आयोग से कम राशि मिली 2017 से 2022 तक राज्य की पंचायतों को वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित बजट से कम राशि प्रदान की गई। इससे ग्रामीण विकास योजनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

6. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में खामियां कैग ने पाया कि राज्य में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management) को लेकर कोई प्रभावी योजना नहीं बनाई गई। अधिकांश क्षेत्रों में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) भी तैयार नहीं की गई। रायपुर के SLRM सेंटर को छोड़कर पूरे राज्य में कचरा प्रबंधन की स्थिति खराब रही।



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