
फिल्म डॉन के एक सीन में अमिताभ बच्चन का डायलॉग है- मैं जानता हूं कि पिस्तॉल खाली है, लेकिन पुलिस नहीं जानती…। और किरदार खाली पिस्तॉल से पुलिस को चकमा देकर निकल जाता है। इसी अंदाज में कुछ खाली फाइलों की मदद से प्रदेश सरकार के पंजीयन विभाग के मंत्री
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सरकार जमीन रजिस्ट्री के सिस्टम को पूरी तरह से बदलने में लगी थी। इसकी खबर मिलते ही कुछ अधिकारियों को हड़ताल पर जाने की रणनीति तैयार कर ली। वॉट्सअप पर मैसेज भेजे जाने लगे। ये बात मंत्री OP चौधरी को पता लगी। अफसर इसलिए नाराज थे क्योंकि सरकार रजिस्ट्री होते ही रजिस्ट्री दफ्तर में उसी वक्त जमीन का नामांतरण भी करने का सिस्टम ला रही थी। इससे लोगों का समय बच रहा था, और नामांतरण के लिए होने वाली घूसखोरी पर नकेल कसने जा रही थी।
जब मंत्रालय में हुई वो मीटिंग मंत्री OP चौधरी भांप गए थे कि कुछ कर्मचारी हड़ताल कर नई प्रक्रिया को रोकना चाहते हैं। उन्होंेने इसके पीछे शामिल अधिकारियों को मंत्रालय बुलावाया। दैनिक भास्कर से बात-चीत में मंत्री ने बताया कि पुरानी गड़बड़ियों की मैंने डीटेल निकलवाई। फाइल भी बनाई उनके नाम फाइलों पर लिखकर उन अधिकारियों के सामने रखकर कहा कि आगे हो रहे अच्छे बदलाव में सहयोग करें। पुराने मामलों से मुझे मतलब नहीं है। वरना मुझे मजबूरन अपने विभाग के अधिकारियों की फाइल ACB-EOW को देना पड़ेगा। वो बात को समझ गए। इनमें से कुछ फाइलों में तो मैंने कोरे कागज ही भर दिए थे। लेकिन जो गलत करता है उसे डर ताे रहता है।