Second day of Bastar Pandum Festival | बस्तर पंडुम महोत्सव का दूसरा दिन: आदिवासी कलाकारों ने दी प्रस्तुति, झलियाना हल्बी गीत से बांधा समां; परंपरागत संस्कृति की झलक देख दर्शक झूमे – Kondagaon News

Author name

March 19, 2025


छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में चल रहे पंडुम महोत्सव ने आदिवासी संस्कृति के रंग में लोगों को रंग दिया है। कोंडागांव जिला मुख्यालय के ऑडिटोरियम में महोत्सव के दूसरे दिन आदिवासी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

.

कार्यक्रम की शुरुआत शादी-विवाह में गाए जाने वाले झलियाना हल्बी गीत से हुई। इसके बाद रेजापाटा और गोटुल गीत प्रस्तुत किए गए।

गोंड समुदाय के कलाकारों ने लिंगो पेन की सेवा अर्जी गीत से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। यह गीत गुरु के सम्मान में गाया जाता है। कार्यक्रम में जगार गीत, हल्दी कुटनी गीत, लेजा गीत और फनदी गीत भी प्रस्तुत किए गए।

आदिवासी कला का उत्सव

आदिवासी जीवन के कई पहलुओं को दर्शाते धनकुल गीत, शादी गीत और नामकरण गीत की प्रस्तुतियां भी हुईं। कोलांग गीत की सामूहिक नृत्य प्रस्तुति ने माहौल को उल्लासमय बना दिया।

यह महोत्सव न केवल आदिवासी कला का उत्सव है, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का माध्यम भी है। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि और समाज प्रमुख भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर आयोजित इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य विलुप्त होती आदिवासी परंपराओं को पुनर्जीवित करना है।

पहले दिन गेड़ी और गौर नृत्य की प्रस्तुति

पंडुम महोत्सव के पहले दिन मादरी, गेड़ी और गौर नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां दी गईं। जनजातीय वेशभूषा और पारंपरिक आभूषणों की प्रदर्शनी ने लोगों का ध्यान खींचा।

8 दलों ने सुता, बंधा, कौड़ी गजरा, पुतरी, करधन, बाहुटा और बिछिया जैसे पारंपरिक आभूषणों के बारे में जानकारी साझा की।



Source link