Two leopard cubs found in the hills of Bhola plateau | भोला पठार की पहाड़ियों में मिले तेंदुए के दो शावक: बालोद में वन विभाग ने कहा–मादा तेंदुआ लगातार बदल रही ठिकाना,जंगल में आवाजाही पर रोक – Balod News

Author name

April 9, 2025


बालोद जिले में भोला पठार की पहाड़ियों में तेंदुए के दो महीने के दो शावक मिले

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भोला पठार की पहाड़ियों में तेंदुए के दो महीने के दो शावक मिले हैं। वन विभाग ने इसकी पुष्टि करते हुए जंगल में आमजन की आवाजाही पर रोक लगाई है और अलर्ट जारी कर दिया है।

.

मिली जानकारी के अनुसार, दोनों शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं और उनकी आंखें खुल चुकी हैं। बताया जा रहा है कि मादा तेंदुआ अपने बच्चों को लेकर लगातार अपना ठिकाना बदल रही है। जिससे उनका मूवमेंट ट्रैक करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। विभाग की टीम मौके पर निगरानी बनाए हुए है और श्रद्धालुओं व ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

आक्रामक हो सकता है मादा तेंदुआ वन विभाग की एसडीओ डिम्पी बैस ने शावकों की पुष्टि करते हुए कहा कि तेंदुए का स्वभाव बिल्ली जैसा होता है। जो अपने बच्चों को लेकर बार-बार स्थान बदलता है। यदि वह खुद को असुरक्षित महसूस करता है तो आक्रामक हो सकता है। ऐसे में ग्रामीणों को जंगल में न जाने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि सावधानी बरतना बेहद जरूरी है ताकि इंसानों और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

बालोद का वातावरण तेंदुए के लिए उपयुक्त एसडीओ डिम्पी बैस ने बताया कि तेंदुओं को चट्टान वाले इलाके बेहद पसंद होते हैं और बालोद के जंगलों में ऐसी भौगोलिक संरचना उनके लिए अनुकूल वातावरण बनाती है। गर्मी के दिनों में नारागांव, सियादेही, रानीमाई, मर्रामखेड़ा, मड़वापथरा और डौंडी क्षेत्र में तेंदुए देखे जाते रहे हैं।

धार्मिक स्थल पर सावधानी जरूरी भोला पठार धार्मिक आस्था का केंद्र है, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। वन विभाग ने पूजा-अर्चना के लिए आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सतर्क रहें और जंगल की ओर जाने से बचें। इस बीच वन विभाग की टीम उस जगह भी पहुंची जहां से ग्रामीणों ने तस्वीर लेकर वन विभाग को भेजी थी।



Source link