गैस पाइप लाइन प्रोजेक्ट विवादों के घेरे में, कंचनपुर में बवाल

Author name

March 21, 2025


मौके पर एकत्रित हुए किसानों ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि पीडि़त किसानों को उनकी जमीन का बाजार मूल्य पर मुआवजा, तीन साल का फसल का उजाड़ा भत्ता और किसान के एक परिवार को सरकारी नौकरी दी जाए। उन्होंने कहा कि यदि किसानों की मांगें नहीं मानी जाती तो पाइपलाइन का काम नहीं चलने दिया जाएगा और धरना प्रदर्शन कर पाईप लाईन का काम रोक दिया जाएगा।

By komal Shukla

Publish Date: Thu, 28 Nov 2024 11:53:22 PM (IST)

Updated Date: Thu, 28 Nov 2024 11:53:22 PM (IST)

गैस पाइप लाइन प्रोजेक्ट विवादों के घेरे में, कंचनपुर में बवाल

HighLights

  1. गेल इंडिया कंपनी के द्वारा बिछाया जा रहा पाइप लाइन
  2. कंचनपुर क्षेत्र में जमीन का बाजार मूल्य पर मुआवजा
  3. भत्ता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी की मांग

नईदुनिया न्यूज, सक्ती, कंचनपुर : किसानों की अनुमति बिना जबरदस्ती उनके खेतों में गड्ढा खोदकर गैस पाइप लाइन डाले जाने से आक्रोशित कंचनपुरवासियों ने आज गेल इंडिया कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उचित मुआवजा प्रदान किए बिना ही उनकी मर्जी के बगैर पाईप लाईन बिछाये जाने का आरोप लगाते हुए किसानों ने मांग की है कि उन्हें बाजार मूल्य पर मुआवजा, तीन साल का फसल का उजाड़ा भत्ता और किसान के एक परिवार को सरकारी नौकरी दी जाए।

कंचनपुर में बिछाई जाने वाली गैस पाईप लाईन को लेकर किसानों द्वारा विरोध दर्ज कराने के बाद यह पूरा प्रोजेक्ट विवादों में घिर गया है। सक्ती से लगे कंचनपुर से होकर गेल इंडिया कंपनी की मुंबई नागपुर झारसुगुड़ा गैस पाइप लाइन गुजर रही है। आज कंचनपुर के नाराज किसानों ने बिछाई जाने वाली गैस पाईप लाइन का विरोध दर्ज करते हुए मोर्चा खोल दिया।

कंचनपुर में गेल इंडिया कंपनी के द्वारा पाइप लाइन बिछाने के लिए मशीनें मंगाई गईं और पाइप लाइन डालने का काम जैसे ही शुरू किया गया, मौके पर मौजूद किसानों ने तत्काल इसका विरोध दर्ज कराया। मौके पर पहुंचे तहसीलदार रवि राठौर, राजस्व विभाग का अमला और पुलिस बल ने किसानों को समझाईश देने का प्रयास किया, लेकिन किसानों और कंपनी के बीच आपसी सहमति नहीं बन पाई। इस संबंध में तहसीलदार से पूछे जाने पर वे कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे सके। उधर किसानों ने उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं होने पर जिला प्रशासन को उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी है।

किसानों का आरोप है कि 20-25 लाख रूपये प्रति डिसमिल की बिक्री हो रही है। ऐसे में जमीन का मुआवजा काफी कम निर्धारित किया गया है। 23 डिसमिल जमीन का मुआवजा मात्र 66 हजार रूपये दिया जा रहा है। वहीं गेल इंडिया कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि प्रत्येक प्रभावित किसानों के लिए उनकी जमीन का मुआवजा निर्धारित कर दिया गया है, बावजूद इसके किसान लेने को सहमत नहीं हैं।

किसानों की मांग है कि उन्हें बाजार मूल्य पर उनकी जमीन का मुआवजा प्रदान किया जाए। किसानों का कहना है कि पाइपलाइन खेत के 40 फीट चौड़े हिस्से से होकर गुज़रती है। पाइप लाइन किसानों की जमीनों को बंजर कर देगी। इस कारण जमीनों में फसल आदि का झाड़ भी कम निकलेगा।

‘‘केंद्र सरकार की योजना है, इसका सक्षम अधिकारी मुआवजे का प्रकरण देखेंगे और हमारी मशीनें आ चुकी है। हम तो काम करके जल्दी से निकलेंगे।

विनीत कुमार वरिष्ठ प्रबंधक गेल इंडिया कंपनी

‘‘मैं आज यहां आया हूं, प्रभार में कोई और आरआई है। हमारे द्वारा कोई पंचनामा बनाकर नहीं दिया गया है।

सत्यनारायण देवांगनआरआई, सक्ती



Source link