छात्रों से अधिक फीस लेने का डीईओ और डीएमसी की टीम करेगी जांच

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March 20, 2025


इन डीएड, बीएड महाविद्यालयों की होगी जांच : जिले में संचालित शिवशक्ति डीएड, बीएड महाविद्यालय खोरसी, ज्ञानदीप बीएड महाविद्यालय जांजगीर, राधाकृष्ण बीएड कालेज नवागढ़, लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय बलौदा में ज्यादा फीस लेने की शिकायत मिली थी। जहां जांच करने टीम गठित की गई। सक्ती जिले के ऋषभतीर्थ दमऊदहरा में संचालित श्याम शिक्षा महाविद्यालय में भी अतिरिक्त फीस लेने की शिकायत की गई है।

By komal Shukla

Publish Date: Tue, 03 Dec 2024 12:20:58 AM (IST)

Updated Date: Tue, 03 Dec 2024 12:20:58 AM (IST)

छात्रों से अधिक फीस लेने का डीईओ और डीएमसी की टीम करेगी जांच

HighLights

  1. एनसीआरटी ने जांच टीम की गठित
  2. जांच प्रतिवेदन सौंपने के दिए निर्देश
  3. एनसीआरटी ने वीडियोग्राफी करने कहा

नईदुनिया न्यूज, जांजगीर चांपा : जिले के डीएड व बीएड महाविद्यालय संचालकों ने शिक्षा को कमाई का जरिया बना लिया है। पिछले दिनों छात्रों ने एनसीआरटी द्वारा निर्धारित फीस से अधिक राशि लिए जाने की शिकायत कलेक्टर और शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियोें से की थी। शिकायत को संज्ञान में लेते हुए एनसीआरटी ने जिले के पांच शिक्षा महाविद्यालय की जांच करने के लिए डीईओ और डीएमसी जांजगीर को जिम्मेदारी दी है। एनसीआरटी ने अधिकारियों को जांच की वीडियोग्राफी कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

जिले के अधिकांश डीएड, बीएड कालेजों में लूट मची हुई है। संचालकों ने शिक्षा को कमाई का जरिया बना लिया गया है। एनसीआरटी के द्वारा निर्धारित मापदंड को दरकिनार करते हुए मनमानी तरीके से बीएड में 30 से 40 हजार फीस की जगह 90 हजार से सवा लाख तक फीस लिया जा रहा है और रसीद सिर्फ 30 से 40 हजार का दिया जा रहा है।

छात्रों ने बताया था व कि लाल बहादुर शास्त्री शिक्षण संस्थान बलौदा में अमित कुमार रजवाड़े का कालेज में अलाटमेंट पर पहले नंबर पर है। एनसीआईटी द्वारा निर्धारित शुल्क 30 हजार 970 रुपये है। लेकिन कालेज प्रबंधन द्वारा एक लाख 15 हजार रुपये मांग की जा रही है। अतिरिक्त शुल्क नहीं दे पाने के कारण प्रवेश नहीं ले रहा है।

बीएड , डीएड कालेज संचालकों के द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को कालेज नहीं आने के बाद भी उपस्थिति की छूट दी जाती है। पैसा कमाने के लिए नान अटेंडेंस एडमिशन देते हैं, रेगुलर करने वाले छात्रों को एडमिशन नहीं देते। इसका एक वीडियो भी प्रसारित हुआ था। जिसमें कालेज प्रबंधन द्वारा सवा लाख वा रुपये फीस की मांग की जा रही थी।



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