दो अरब 66 करोड़ रूपये का अब तक नहीं हुआ चावल जमा

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March 21, 2025


खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग का कार्य जिले के 157पंजीकृत राईस मिलर्स कर रहे हैं। साल बीत जाने के बाद धान उठाव के अनुपात में 85 हजार मीट्रिक टन चावल जमा करना शेष है। चावल जमा नहीं करने वाले 40 मिलर्स को जिला प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नागरिक आपूर्ति निगम का 2865 टन चावल जमा करना शेष है।

By komal Shukla

Publish Date: Sat, 30 Nov 2024 12:52:15 AM (IST)

Updated Date: Sat, 30 Nov 2024 12:52:15 AM (IST)

दो अरब 66 करोड़ रूपये का अब तक नहीं हुआ चावल जमा

HighLights

  1. अतिरिक्त मुख्य सचिव की गृह जिले का बुरा हाल
  2. नागरिक आपूर्ति निगम का 2865 टन चावल जमा नहीं
  3. छोटे मिलर पर हो रही कार्रवाई, बड़ों को मिला अभयदान

नईदुनिया न्यूज, जांजगीर – चांपा : धान खरीदी के मामले में प्रदेश के छह बड़े जिले में शामिल जांजगीर चांपा जिला चावल जमा करने के मामले में फिसड्डी साबित हो रहा है। एफसीआई का 85 हजार मीट्रिक टन चावल जमा करना शेष है। जो दो अरब 66 करोड़ रूपये का है। जबकि नागरिक आपूर्ति निगम का 2865 मीट्रिक टन चावल जमा करना शेष है।

जिसकी राशि लगभग दस करोड़ रूपये है। यह हाल खाद्य आपूर्ति निगम के अतिरिक्त मुख्य सचिव के गृह जिले का है तो बाकी जिलों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।पिछले वर्ष समर्थन मूल्य में धान खरीदी के दौरान प्रदेश में धान उठाव के मामले में आगे रहने वाला जिला चावल जमा करने के मामले में पिछड़ा हुआ है। पिछले वर्ष कस्टम मिलिंग के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को चावल की आपूर्ति करने के लिए खाद्य विभाग ने जिले में 157 राइस मिलरों को पंजीकृत किया था।

पंजीयन के बाद मिलरों को कस्टम मिलिंग के तहत चावल जमा करने के लिए खरीदी केंद्रों से धान की आपूर्ति भी कर दी गई है। लेकिन मिलरों ने अपने कोटे के हिसाब से कस्टम मिलिंग के तहत चावल जमा अब भी एफसीआई और नागरिक आपूर्ति निगम में नहीं किया है। पंजीकृत मिलरों को अभी भी 84 हजार मीट्रिक टन चावल जमा करना शेष है।

जिसकी अनुमानित राशि दो अरब 66 करोड़ रूपये है। इसी तरह 40 मिलर ने नागरिक आपूर्ति निगम का 2865 मीट्रिक टन चावल जमा नहीं किया है। जिसकी राशि लगभग नौ करोड़ 74 लाख रूपये है। पिछले वर्ष जिले में 129 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से पांच लाख 29 हजार 668 मिट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी।

जिसे पंजीकृत मिलर ने उठाव किया था। मगर धान उठाव के सालभर बाद भी मिलर अब तक पूरा चावल जमा नहीं किए हैं। हालांकि विभाग के अधिकारी इसके पीछे की वजह एफसीआई के गोदामों चावल रखने के लिए जगह की कमी को बता रहे हैं।

”” चावल रखने के लिए एफसीआई जगह उपलब्ध कराता है। रेक लगता है उस हिसाब से चावल बाहर जाता है तब गोदाम खाली होते हैं। एफसीआई के गोदाम अभी भरे हुए हैं, चावल रखने के लिए जगह नहीं है। नागरिक आपूर्ति निगम का चावल जमा नहीं करने वाले 40 मिलर को नोटिस दिया गया है। चावल जमा करने की आज अंतिम तिथि है। इसके बाद आगे नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

गजेंद्र राठौर

डीएमओ, जांजगीर चांपा



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