नाली के पानी को हसदेव नदी में छोड़ने के मामले में पर्यावरण विभाग से आए नोटिस को सीएमओ भोला सिंह ठाकुर हल्के में ले रहे हैं। जब उनसे इस संबंध में बात की गई तो वो गंभीर नजर नहीं आए बल्कि वो अपने समय का मामला नहीं होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिए। जबकि आज भी शहरवासी नाली के प्रदूषण युक्त हसदेव के पानी में निस्तार करने मजबूर है।
By komal Shukla
Publish Date: Sat, 30 Nov 2024 01:02:23 AM (IST)
Updated Date: Sat, 30 Nov 2024 01:02:23 AM (IST)

HighLights
- हसदेव नदी में इस तरह पहुंच रहा शहर के नालियों का गंदा पानी
- नालियों का पानी हसदेव में छोड़ने ,एसटीएम प्लांट का काम अधर में
- नाली के पानी को फिल्टर किए बगैर सीधे नाली में छोड़दिया गया
नईदुनिया न्यूज, जांजगीर चांपा : पर्यावरण के फरमान को नजर अंदाज करते हुए नगर पालिका चांपा के द्वारा शहर के नालियों का गंदा पानी सीधे हसदेव नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। इसके लिए पर्यावरण विभाग ने सिर्फ नौ महीने का नौ करोड़ 90 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई है। जिसे तत्काल जमा करते हुए नाली के पानी को नदी में प्रवाहित न करने की हिदायत दी है। इसके बावजूद लगातार नाली के पानी को नदी में बहाया जा रहा है।
नगर पालिका चांपा के सीएमओ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने के बाद इस समस्या से राहत मिलने की बात कह रहे है। जबकि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पिछले चार सालों से प्रगति पर है। वहीं इसके तहत नदी किनारे बिछाई गई पाइप लाइन अपेक्षाकृत उपयोगी नहीं हैं। अभी से पाइप में कई जगह जाम की समस्या है। जब पूरे शहर के नालियों का पानी इस छोटे पाइप में प्रवाहित होगा तो निश्चित ही जगह-जगह जाम और पाइप फूटने की समस्या खड़ी हो जाएगी।
फिर से नाली का पानी सीधे नदी में ही जाएगा। इधर पर्यावरण विभाग नाली का पानी नदी छोड़कर हसदेव को प्रदूषित करने के खिलाफ है। उन्होंने तीसरी बार अभी 26 नवंबर को लिखे अपने पत्र में अल्टीमेटम देते हुए नाली के पानी को फिल्टर किए बगैर सीधे नाली में छोड़ने के कारण 10 लाख रुपये प्रतिमाह की दर से 9 महीने का नौ करोड़ 90 लाख रूपए पेनाल्टी ठोका है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा है यह राशि तत्काल जमा किया जाए अन्यथा नगर पालिका के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके पहले भी पर्यावरण विभाग ने वर्ष 2021 में दो और 2022 में एक पत्र लिखकर पेनाल्टी की यह राशि जमा करने को कहा था। लेकिन नगर पालिका ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। नगर पालिका ने निर्माणधीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का हवाला देते हुए कुछ समय मांगा था लेकिन उसके अनुसार काम पूरा नहीं हो सका है।
दूसरी ओर लोगों का कहना है सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जो पाइप बिछाई गई है वह काफी छोटी है जिसकी क्षमता शहर के सभी नालियों के पानी को अपने अंदर लेकर व्यवस्थित तरीके से ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाने की नहीं है। ठेकेदार तो 14 करोड़ के इस प्रोजेक्ट का काम करके निकल जायेगा लेकिन फिर से उसी प्रदूषित नदी का गंदा पानी जनता के नसीब में आएगा।