समर्थन मूल्य में धान बेचने किसानों के लिए टोकन बन रहा रोड़ा

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March 24, 2025


किसानों को धान खरीदी केन्द्र में किसी भी तरह की मुश्किलें नहीं हो इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस साल छोटे किसानों को धान बेचने के लिए केवल दो टोकन दिए जाएंगे। वहीं बड़े किसानों को तीन टोकन दिए जाएंगे। किसानों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि टोकन केवल एक सप्ताह के लिए ही वैध होंगे।

By komal Shukla

Publish Date: Tue, 19 Nov 2024 11:58:18 PM (IST)

Updated Date: Tue, 19 Nov 2024 11:58:18 PM (IST)

समर्थन मूल्य में धान बेचने किसानों के लिए टोकन बन रहा रोड़ा

HighLights

  1. पांच दिन बाद भी 122 समितियों में बोहनी नहीं
  2. अब तक केवल सात में 360 क्विंटल की खरीदी
  3. समितियों में कर्मचारी कर रहे किसानों का इंतजार

नईदुनिया प्रतिनिधि, जांजगीर – चांपा : जिले में समर्थन मूल्य में धान खरीदी की शुरूआत 14 नवंबर से हो गई है मगर पांच दिन बाद भी मात्र सात समितियों में 360 क्विंटल की खरीदी हो पाई है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि टोकन कटाने के किसानों को धान बेचने के लिए एक सप्ताह बाद का समय मिल रहा है।

ऐसे में चाहकर भी किसान केंद्रों में धान बेचने के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं। वहीं किसानों के नहीं आने के कारण समितियों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। सरकार के धान बेचने के लिए बनाए गए नियम ने किसानों और कर्मचारियों दोनों की परेशानी बढ़ा दी है।जिले में 101 समितियां के द्वारा 129 खरीदी केंद्रों के माध्यम से समर्थन मूल्य में धान की खरीदी की जा रही है।

जिले में इस वर्ष धान बेचने के लिए एक लाख 26 हजार 918 किसानों ने पंजीयन कराया है। वहीं राज्य सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने के कारण भी हर साल जिले में किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। शासन द्वारा इस बार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 14 नवंबर से प्रारंभ की गई है। मगर धान बेचने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए नियम ने किसानों और कर्मचारियों की परेशानी बढ़ा दी है।

आनलाइन और आफलाइन दोनों माध्यम से टोकन कटाने पर किसानों को धान बेचने के लिए एक सप्ताह बाद का समय मिल रहा है। इसके चलते धान खरीदी शुरू होने के पांच दिन बाद भी 122 समितियों में सन्नाटा पसरा हुआ है। टोकन कटाने के बाद भी किसान चाहकर भी धान लेकर समिति में नहीं जा पा रहे हैं।

पहले किसान समिति में जाकर आफलाइन टोकन कटाते थे तब उन्हें एक दो दिन बाद का समय मिल जाता था तब किसान आसानी से धान बेच पाते थे। इसी तरह टोकन एप के माध्यम से आनलाइन टाेकन कटाने पर भी वे निर्धारित तिथि में धान लेकर समिति पहुंचते थे। मगर आनलाइन और आफलाइन दोनों माध्यम ने किसानों की परेशानी को कम करने के बजाय और बढ़ा दी है।

धान सूखने पर लगता है गड़बड़ी का आरोप

समिति संचालकों का कहना है कि खेत से मंडी तक आने तक धान में करीब 17 प्रतिशत की सुखत होती है। ऐसे में अगर किसान नमीयुक्त धान बेचने के लिए लाते हैं तो उसमें करीब एक फीसदी सूखत निकलता है। एक प्रतिशत सूखत का मतलब होता है कि करीब साढे सात सौ ग्राम धान कम हो जाती है। धान खरीदी में सुखत की स्थिति में कई बार गड़बड़ी करने के आरोप लगते हैं। ऐसे में किसानों से केवल सूखी हुई धान ही ली जाएगी।

धान खरीदी में अनेक विसंगतियां

कृषक चेतना मंच के सह संयोजक संदीप तिवारी का कहना है कि आनलाइन और आफलाइन दोनों माध्यम से टोकन कटाने पर किसानों को धान बेचने के लिए एक सप्ताह बाद का समय दिया जा रहा है। इससे ऐसे किसान जो अपना फसल काटकर रख चुके है उन्हें सप्ताह से पंद्रह दिन तक इंतजार करना पड़ रहा है।

जबकि समितियों में कर्मचारी किसानों का इंतजार करते हुए खाली बैठे हुए हैं। जिन किसानों की फसल कटकर तैयार हो गई है। उसकी खरीदी किया जाना चाहिए। धान खरीदी को लेकर इस बार कई तरह की विसंगतियां आ रही है। सभी समस्याओं को लेकर शीघ्र ही कृषक चेतना मंच के द्वारा शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ठ कराया जाएगा और निराकरण करने की मांग की जाएगी।

आनलाइन और आफलाइन दोनों माध्यम से टोकन कटाने पर किसानों को धान बेचने के लिए एक सप्ताह बाद का समय दिया जा रहा है। शासन स्तर पर ही यह व्यवस्था बनाई गई है। अब तक सात केंद्रो में 360 क्विंटल धान की खरीदी कर ली गई है। अगले सप्ताह धान खरीदी में तेजी आएगी। क्योंकि अब तक 80 उर्पाजन केंद्रों में धान बेचने के लिए किसानों ने आनलाइन और आफलाइन माध्यम से टोकन कटा लिया है।

अमित साहू

नोडल अधिकारी, जिला सहकारी बैंक जांजगीर चांपा



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