धरमजयगढ़ वन मंडल में कई ऐसे क्षेत्र है जहां घना जंगल हैं दुर्गमता पहाड़ है। बोरो रेंज के यह घटनास्थल भी इसी क्षेत्र में है। यह भी पहाड़ों से घिरा है। यहां वर्षो से हाथियों के साथ अन्य जंगली जानवर है। यह इलाका जानवरों के चहलकदमी और मौजूदगी के चलते अति संवेदनशील है।
By VISHWANATH RAY
Publish Date: Tue, 19 Nov 2024 12:46:38 AM (IST)
Updated Date: Tue, 19 Nov 2024 12:46:38 AM (IST)

HighLights
- बीट गार्ड और हाथी मित्र दल ने कंकाल बरामद किया।
- बीट गार्ड मौके पर नहीं जाने का आरोप लगाया गया
- हाथी के बच्चे की मृत्यु लगभग 25 दिन पहले हुई है।
रायगढ़ नईदुनिया प्रतिनिधि: धरमजयगढ़ से वनमंडल बोरो रेंज के रुवाफुल बीट में कंपार्टमेंट नंबर 667 आरएफ जंगल में हाथी का कंकाल मिलने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। सिलसिलेवार तरीके से हाथियों के काल का कब्रगाह बन रहा है। उक्त घटना की मिलने की सूचना आग की तरह फैल गई। बड़ी संख्या में ग्रामीण तथा वनविभाग की टीम मौके पर पहुंचकर हाथी के कंकाल की पुष्टि की। इसके उपरांत बीट गार्ड और हाथी मित्र दल ने जंगल में छानबीन करते हुए हाथी का कंकाल बरामद किया।
बोरों रेंज जंगल में सड़ांध की बदबू ग्रामीणों का ध्यान खींचा इसके बाद कोई ग्रामीण जंगल की ओर गए तो उन्होंने देखा कि जंगल के अंदर कई जगह कंकाल मौजूद थे और कुछ स्थानों पर शरीर का अंश भी नजर आया। तत्पश्चात स्थानीय जागरूक लोगो ने वन विभाग को इस घटना की सूचब दिए। जहां वन कर्मियों की टीम मौके पर दौड़ते भागते हुए आई । उक्त कंकाल को देखकर वे भौचक रह गए। जांच में उन्हें ज्ञात हुआ कि हाथी का कंकाल है। सूत्रों के मुताबिक उक्त हाथी की मृत्यु लगभग 22 से 25 दिन पहले हुई प्रतीत हो रही है।
फिलहाल बोरो रेंजर वन कर्मी के घटना की जांच के लिए फोरेंसिक टीम को बुलाया गया है। टीम ने मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस मामले में ग्रामीणों ने बीट गार्ड पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बीट गार्ड अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं करते है,जंगल में गश्त करने के बजाय ड्रोन कैमरे से निगरानी करते है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि हाथी की मौजूदगी की सूचना देने पर बीट गार्ड मौके पर नही आने का आरोप भी लगाए है।
बहरहाल वन विभाग की टीम जांच में जुट गई है। दुसरी ओर लोगो मे लगातार वनजीवों के मौत से वन विभाग की कार्यप्रणाली को लेकर गहरी नाराजागी है।
प्रसव के दौरान मौत होने की कयास
धरमजयगढ़ वन मंडल में सबसे अधिक हाथी है। यहां कई क्षेत्र में अलग-अलग झुंड में हाथी स्वच्छंद विचरण कर रहे है। झुंड में मादा की संख्या भी अधिक है। वह विभाग के मुताबिक मौका मुआयना करने के बाद प्रसव के दौरान मृत होने की बात सामने आई है जिसमें आशंका यह भी जताया जा रहा है जीवित तथा मृत दोनो स्थिति में प्रसव हुआ हो। फिलहाल इस संबंध में फोरेंसिक जांच की जा रही है। जिसका नमूना हैदराबाद वाइल्डलाइफ भेजा जा रहा है।
रूवाफूल में कंकाल मिला था, डाक्टर की टीम आई थी, जांच पड़ताल में हाथी का बच्चा है यह पुष्टि हुई है। संभवतः गर्भवती मादा हथिनी बच्चे को जन्म देने के दौरान बच्चे की मौत हो गई होगी या फिर अन्य कारण हो सकता है। पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से पड़ताल की जा रही है। यह एक दुर्गम क्षेत्र है।
अभिषेक जोगावत, डीएफओ धरमजयगढ़ वन मंडल।