केंद्र सरकार की स्पेशल असिस्टेंट स्कीम के तहत राजधानी में कामकाजी महिला छात्रावास बनाए जाने हैं। केंद्र सरकार की ओर से इसके लिए 48 करोड़ रुपए का फंड और हॉस्टल बनाए जाने की मंजूरी दोनों दे दी गई है। बताया जा रहा है कि एक साल के अंदर इन हॉस्टल्स को तैयार करने की योजना है।
By Shashank Shekhar Bajpai
Publish Date: Thu, 20 Mar 2025 01:34:54 PM (IST)
Updated Date: Thu, 20 Mar 2025 01:34:54 PM (IST)

HighLights
- राजधानी के तेलीबांधा, टाटीबंध और अग्रसेन चौक पर बनाए जाएंगे छात्रावास।
- 48 करोड़ रुपये से बनने वाले ये छात्रावास ग्राउंड प्लस थ्री फ्लोर के होंगे।
- नगर निगम ने केंद्र सरकार के पास भेजा था प्रस्ताव, मंजूरी और फंड मिला।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। राजधानी में बनने वाले तीन कामकाजी महिला छात्रावास के लिए नगर निगम ने शासन से मंजूरी मांगी है। केंद्र सरकार की स्पेशल असिस्टेंट स्कीम के तहत राजधानी में कामकाजी महिला छात्रावास बनाए जाने हैं।
इन छात्रावासों के निर्माण के लिए केंद्र ने 48 करोड़ रुपए का फंड भी जारी कर दिया है। मगर, नगर निगम ने टेंडर लगाने के लिए शासन के पास मंजूरी का प्रस्ताव भेजा है। कार्यपालन अभियंता अंशुल शर्मा ने बताया कि मंजूरी मिलते ही टेंडर लगा दिया जाएगा।
ये छात्रावास तेलीबांधा, टाटीबंध और अग्रसेन चौक के पास बनाए जाएंगे। बता दें कि नगर निगम ने वर्ष 2024 में केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा था। इस पर मंजूरी और फंड दोनों मिल गया है। छात्रावासों के बनने से राजधानी में कामकाजी महिलाओं को सस्ते दर पर सुरक्षित आवासीय सुविधा मिल सकेगी।
250 बेड की क्षमता वाले होंगे प्रत्येक छात्रावास
यह तीनों छात्रावास 250-250 बेड की क्षमता वाले होंगे। प्रत्येक छात्रावास की इमारत ग्राउंड फ्लोर के साथ तीन मंजिला होगी, जिसमें महिलाओं के लिए डबल बेडरूम वाले कमरे और अटैच टॉयलेट की सुविधा होगी।
कार्यपालन अभियंता ने बताया कि इन छात्रावासों में मेस की सुविधा भी दी जाएगी, ताकि महिलाओं को बाहर खाने के लिए न जाना पड़े और उन्हें नाश्ते और भोजन की सुविधा हास्टल के अंदर ही मिल सके।
इसके साथ ही छात्रावासों का स्थान भी रिहायशी इलाकों में रखा गया है, जिससे महिलाओं को आवागमन में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
कमर्शियल गतिविधियों से संचालन के लिए मिलेगा फंड
महिलाओं के लिए बनने वाले इन छात्रावासों के बाहरी हिस्से में कमर्शियल गतिविधियों के लिए जगह बनाई जाएगी, ताकि छात्रावास के संचालन में किसी प्रकार की फंड की कमी न हो। इससे निगम को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी और छात्रावास की व्यवस्था को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकेगा।
प्रशासन के पास मौजूद आंकड़ों के अनुसार, राजधानी में लगभग 10 हजार महिलाएं सरकारी विभागों में काम करती हैं। इसके अलावा, निजी संस्थानों में कार्यरत महिलाओं की संख्या इससे कहीं अधिक है।
इन हॉस्टालों के बनने से इन्हें काफी लाभ मिलेगा। वहीं शहर में रोजगार की तलाश में आने वाली महिलाओं को भी सस्ते आवास मिल सकेंगे।
एक साल के भीतर तैयार करने की योजना
नगर निगम ने इन हॉस्टलों के निर्माण को एक साल के भीतर पूरा करने की योजना बनाई है, ताकि राजधानी में कामकाजी महिलाओं के लिए शीघ्र ही सुविधाजनक और सुरक्षित आवासीय व्यवस्था मिल सके। अधिकारियों के अनुसार, इन हॉस्टलों को जल्दी से जल्दी तैयार करने की कोशिश की जाएगी।
काम काज की तलाश में राजधानी आने वाली महिलाओं को इनका लाभ मिल सकेगा। अनुमति मिलते ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। ऑप्शन के तौर पर तीनों क्षेत्रों में जगह भी लगभग तय हैं।