तैयार की गई सूची के कुछ शब्द :
अदम तामील- सूचित न होना, इन्द्राज- टंकन, खयानत-हड़पना, गोश्वारा-नक्शा, दीगर- दूसरा, नकबजनी- सेंध, माल मशरूका – लूटी व चोरी गई संपत्ति, मुचलका-व्यक्तिगत बंध पत्र, रोजनामचा- सामान्य दैनिकी, शिनाख्त- पहचान, शहादत- साक्ष्य, शुमार- गणना, सजायाफ्ता- दंड प्राप्त, सरगना- मुखिया, सुराग- खोज, साजिश- षड्यंत्र, अदालत दिवानी- सिविल न्यायालय, फौजदारी अदालत- दांडिक न्यायालय, इकरार नामा- प्रतिज्ञापन, आदि शब्दों को बदला जाएगा।
बनामविक्रय- पत्रक, इस्तीफा- त्याग-पत्र, कत्ल- हत्या, कयास- अनुमान, खसरा क्षेत्र- पंजी, खतौनी- पंजी, गुजारिश- निवेदन, जब्त- कब्जे में लेना, जमानतदार- प्रतिभूति दाता, जमानत- प्रतिभूति, जरायम-अपराध, जबरन- बलपूर्वक, जरायम पेशा- अपराधजीवी, जायदादे मशरूका- कुर्क हुई संपत्ति, दाखिल खारिज-नामांतरण, सूद- ब्याज, हुजूर- श्रीमान व महोदय, आदि शब्दों को बदला जाएगा।
यह भी पढ़ें: हैवानियत: शादी से किया इनकार तो महिला पर फैंका खौलता तेल, झुलस गया लोक कलाकार का चेहरा, आरोपित फरार
हुलिया- शारीरिक लक्षण, हर्जाना क्षति- प्रतिपूर्ति, हलफनामा- शपथ पत्र, दफा- धारा, फरियादी- शिकायतकर्ता, मुत्तजर्रर- चोट, इत्तिलानामा- सूचना पत्र, कलमबंद करना- न्यायालय के समक्ष कथन, गैरहाजिरी- अनुपस्थिति, चस्पा- चिपकाना, चश्मदीद- प्रत्यक्षदर्शी, जालसाजी-कूटरचना, जिला बदर- निर्वासन, जामतलाशी -वस्त्रों की तलाशी, वारदात- घटना, साकिन- पता, जायतैनाती- नियुक्ति स्थान, हाजा स्थान- परिसर, मातहत- अधीनस्थ, जेल हिरासत- कब्जे में लेना, फौती- मृत्यु सूचना, इस्तगासा- छावा, मालफड- जुआ का माल मौके पर बरामद होना, अर्दली- हलकारा, किल्लत मुलाजमान- कर्मगण की कमी, तामील कुनन्दा- सूचना करने वाला, इमदाद- मदद, आदि शब्दों को बदला जाएगा।
नजूल- राज भूमि, फरार- भागा हुआ, फीसदी- प्रतिशत, फेहरिश्त- सूची, फौत- मृत्यु, बयान- कथन, बेदखली- निष्कासन, मातहत-अधीन, मार्फत- द्वारा, मियाद- अवधि, रकबा- क्षेत्रफल, कास्तकार- कृषक, नाजिर- व्यवस्थापक, अमीन राजस्व- कनिष्ठ अधिकारी, राजीनामा- समझौता पत्र, वारदात- घटना, संगीन- गंभीर, विरासत- उत्तराधिकार, वसीयत- हस्तान्तरण लेख, वसूली- उगाही, शिनाख्त- पहचान, सबूत साक्ष्य- प्रमाण, दस्तावेज- अभिलेख, कयास- अनुमान, सजा -दंड, सनद -प्रमाण पत्र, सुलहनामा- समझौता पत्र, इन शब्दों को भी बदला जाएगा।
अदम चौक- पुलिस असंज्ञेय हस्ताक्षेप, अगोग्य अपराध की सूचना, कैदखाना -बंदीगृह, तफतीश व तहकीकात – अनुसंधान, जांच व विवेचना, आमद, रवाना व रवानगी- आगमन, प्रस्थान, कायमी – पंजीयन, तेहरीर- लिखित या लेखीय विवरण, इरादतन- साशय, खारिज, खारिजी व रद – निरस्त व निरस्तीकरण, खून आलुदा- रक्त- रंजित व रक्त से सना हुआ, गवाह व गवाहन-साक्षी व साक्षीगण, गिरफ्तार व हिरासत – अभिरक्षा, तहत- अंतर्गत, जख्त- जख्मी, मजरूब – चोट, घाव, घायल व आहत, दस्तयाब- खोज लेना, बरामद, मौका ए वारदात- घटना स्थल, परवाना- परिपत्र व अधिपत्र, फैसला- निर्णय, हमराह- साथ में, इन शब्दों को भी बदला जाएगा।
औपचारिकता न रहे आदेश
पुलिस अधीक्षकों को जारी पत्र में निर्देशित किया गया है कि सभी अधीनस्थ अधिकारियों को इस विषय में अवगत कराकर सुनिश्चित किया जाए कि यह आदेश केवल औपचारिकताभर न रहे। इसका कार्यान्वयन प्रत्येक पुलिस चौकी, थाने और कार्यालय में दिखे। भाषा के सरलीकरण से शिकायतकर्ता को अपनी बात स्पष्ट रूप से कहने, सुनने और समझने में सुविधा होगी।