छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान नक्सलवाद के खिलाफ रणनीति और बस्तर के विकास पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है और सरकार इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए काम कर रही है।
By Prashant Pandey
Publish Date: Tue, 18 Mar 2025 03:25:16 PM (IST)
Updated Date: Tue, 18 Mar 2025 03:27:07 PM (IST)

HighLights
- नक्सलवाद के खिलाफ सख्त रणनीति पर चर्चा, बस्तर के विकास पर जोर।
- आत्मसमर्पण नीति का असर, नक्सलियों का आत्मसमर्पण बढ़ा।
- बस्तर के विकास को बढ़ावा, पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों पर ध्यान।
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। सरकार की सख्त नीतियों और सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति के चलते नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति लौट रही है।
इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात की। इस बैठक में नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने, बस्तर के विकास को तेज करने और पर्यटन व आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने पर विस्तार से चर्चा हुई।
संयुक्त प्रयासों से नक्सली संगठनों की पकड़ कमजोर
मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को अवगत कराया कि नक्सलवाद अब अपने आखिरी पड़ाव पर है और सरकार इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए निर्णायक कदम उठा रही है। राज्य और केंद्र के संयुक्त प्रयासों से नक्सली संगठनों की पकड़ कमजोर हो चुकी है। अब अंतिम चरण की रणनीति तैयार कर बस्तर को स्थायी शांति की ओर ले जाने पर जोर दिया जा रहा है।
इनामी नक्सलियों ने किया सरेंडर
सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 का असर दिखने लगा है। हाल ही में बीजापुर जिले में 9 ईनामी नक्सलियों समेत कुल 19 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता और पुनर्वास योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सकें।
बुनियादी सुविधाओं को कर रहे मजबूत
बैठक में बस्तर में विकास कार्यों को तेज करने पर विशेष ध्यान दिया गया। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और जल जैसी बुनियादी सुविधाओं को मजबूत कर रही है। इसके साथ ही, बस्तर के समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक सौंदर्य को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए पर्यटन को बढ़ावा देने की योजनाओं पर भी विचार किया गया।
बस्तर के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कौशल विकास, स्वरोजगार और नए रोजगार के अवसर तैयार किए जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि बस्तर सिर्फ संघर्ष की भूमि न रहकर शांति, विकास और संभावनाओं का नया केंद्र बने।